झज्जर, (हि.स.)। वस्तु एवं सेवा कर के तहत उन सभी सरकारी विभागों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है जिनमें अनुबंध या आउटसोर्सिंग आधार पर कार्य कराया जाता है। कार्यवाहक उपायुक्त आमना तस्नीम की अध्यक्षता में सोमवार को लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में अधिकारियों के लिए जीएसटी को लेकर आयोजित विशेष सत्र के दौरान यह जानकारी आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से प्रस्तुत किए पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में दी गई।
प्रेजेंटेशन के दौरान जिला कराधान एवं आबकारी अधिकारी कुलबीर मलिक अधिकारियों को बताया कि जीएसटी पंजीकरण पैन या टैन के आधार पर किया जाएगा। जीएसटी के तहत पंजीकृत विभाग अपनी मासिक रिपोर्ट जीएसटीआर-07 आनलाइन जमा करा सकेंगे। ढाई लाख से अधिक अनुबंध राशि के सप्लायर को किए जाने वाले भुगतान के लिए सरकारी विभाग या एजेंसी केंद्र व राज्य प्रत्येक के लिए एक-एक प्रतिशत टीडीएस काट सकेंगे।
टीडीएस की राशि कटौती अगले 10 दिन के भीतर जमा करानी होगी। जबकि सरकार के खाते में राजस्व जमा होने के पांच दिनों के भीतर सप्लायर को आनलाइन प्रमाण पत्र, जीएसटीआर-7ए जारी करना होगा।
वस्तु एवं सेवा कर के तहत काटे गए टीडीएस को जमा कराने में देरी पर पेनाल्टी के साथ-साथ 18 प्रतिशत का ब्याज भी लगाने का प्रावधान है। पंजीकरण के लिए आवेदक के पास पैन या टैन व वैलिड मोबाइल नंबर अनिवार्य होना चाहिए। इसके अतिरिक्त ई-मेल आईडी, साथ ही कार्य करने का स्थान, अधिकृत हस्ताक्षरी सहित प्रोफार्मा में पूछी गई सभी जानकारी अच्छी प्रकार भरी होनी चाहिए। जीएसटी में तीन प्रकार की श्रेणियों का प्रावधान किया गया जिनमें पहली अंतरराज्यीय वस्तु एवं सेवा कर, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर तथा राज्य वस्तु एवं सेवा कर है। प्रस्तुतिकरण के दौरान उन वस्तु व सेवाओं के बारे में भी जानकारी दी गई जोकि जीएसटी के दायरे से बाहर है।
कार्यवाहक उपायुक्त ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर के नये प्रावधानों को सभी सरकारी विभागों के लिए अनुपालना जरूरी है। सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि उनके विभाग में जीएसटी के सभी प्रावधानों का नियमानुसार पालना हो रही है।