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सरसों से जीएम संवर्धित बीज मामले पर सितंबर तक फैसला करेगी सरकार
By Deshwani | Publish Date: 31/7/2017 4:08:56 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। सरसों के जीएम संवर्द्धित बीज का व्यावसायिक प्रयोग रुकवाने के लिए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो इसके बारे में सितंबर तक फैसला करेगा। केंद्र के इस रुख के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई सितंबर के दूसरे सप्ताह के लिए टाल दी।
पिछले 24 जुलाई को केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि जीएम संवर्द्धित बीज का फिलहाल प्रयोग कर के देखा जा रहा है। अगर आज नीति बनाई, तब भी व्यावसायिक इस्तेमाल में दो साल लगेंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसके असर पर सरकार को हलफनामा देने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा था कि अगर याचिकाकर्ता की यह आशंका सही है कि जीएम सरसों के इस्तेमाल से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है तो केंद्र को इसकी पैदावार बंद कर देनी चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करेगी तो कोर्ट याचिकाकर्ता को निर्देश देगा।
पिछले 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वे एक सप्ताह में बताएं कि इस बारे में कब तक फैसला कर लेंगे। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सरकार इस मसले के कई पक्षों पर विचार कर रही है और आम लोगों से इसके व्यावसायिक प्रयोग के बारे में सुझाव मांगे गए हैं। बतादें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 17 अक्टूबर को अगले आदेश तक जीएम सरसों के व्यावसायिक प्रयोग पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि इसके व्यावसायिक प्रयोग से पहले लोगों की राय और सुझाव मांगे जाएं।
याचिका में कहा गया है कि अगर इसके व्यावसायिक प्रयोग की अनुमति दी गई तो इससे सरसों की देशी वेरायटी बर्बाद हो जाएगी। याचिका में कहा गया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधीन काम करनेवाली जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रेजल कमेटी ने गलत तरीका अपनाया। याचिका में कहा गया कि जीएम सरसों के इस्तेमाल का मतलब इसके बीज की बिक्री बढ़ाना और मल्टी नेशनल कंपनियों को मुनाफा पहुंचाना है।