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योगी सरकार के सौ दिनः ऊर्जा विभाग ने रिपोर्ट में खुद अपनी पीठ थपथपाई
By Deshwani | Publish Date: 26/6/2017 7:54:19 PM
योगी सरकार के सौ दिनः ऊर्जा विभाग ने रिपोर्ट में खुद अपनी पीठ थपथपाई

 लखनऊ, (हि.स.)। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने सौ दिनों में ऊर्जा सेक्टर में बेहतर काम करने का दावा किया है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि पावर फॉर आल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार ने लगभग 817 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 400 के.वी. के 3 उपकेन्द्रों तथा उससे सम्बन्धित लाइनों, 333.82 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 220 के.वी. के 05 नग उपकेन्द्रों एवं सम्बन्धित लाइनों तथा 239.38 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 132 के.वी. के 08 नग उपकेन्द्रों एवं लाइनों का ऊर्जीकरण भी इन पहले 100 दिनों में करवाया है। 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस प्रकार पहले 100 दिनों के अन्तर्गत लगभग 1390 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित कुल 16 नग उपकेन्द्रों एवं तत्सम्बन्धी लाइनों का ऊर्जीकरण करवाया जा चुका है जो कि प्रदेश सरकार के ऊर्जा विभाग की अभूतपूर्व उपलब्धि है।
इसके साथ ही ग्रामों व मजरों के विद्युतीकरण के लिए भारत सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत कुल 12837.38 करोड़ रूपए की धनराशि स्वीकृत की है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों के लिए इन्टीग्रेटैड पावर डेवलेपमेन्ट स्कीम (आईपीडीएस) के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के पांच हजार से अधिक आबादी वाले 646 कस्बों, नगरों में 33-11 केवी नये उपकेन्द्रों के निर्माण एवं उनकी क्षमतावृद्धि, नई 11 केवी लाइन बनाने, भूमिगत केबिल बिछाने, कैपेसिटर बैंक, मीटरिंग, वितरण परिवर्तक आदि कार्य के लिए 4,698 करोड़ रूपए स्वीकृत किये गये हैं। 
किसानों को गुणवत्तापरक बिजली उपलब्ध कराने के लिए 39 जिलों में फीडर सैपरेशन का काम भी 3257.69 करोड़ रूपए की लागत से किया जायेगा, इन कार्यां को अक्टूबर 2018 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
गरीब विद्युत उपभोक्ताओं को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रदेश सरकार ने बकाया भुगतान के लिए 100 प्रतिशत अधिभार माफी के लिए ‘‘सक्रिय’’ योजना लागू की है। 13.40 लाख बिजली उपभोक्ताओं ने इसमें लाभ उठाया। साथ ही साथ प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न अवैध विद्युत उपभोग वाले संयोजनों को विद्युत तन्त्र में वैध तरीके से शामिल किये जाने के लिए ‘‘सर्वदा’’योजना के द्वारा यह माफी दे दी गयी थी कि यदि अभी तक वह किसी भी माध्यम से सीधे बिजली ले रहा था या उसका वास्तविक भार अधिक था तो इस योजना के अन्तर्गत उसका नियमितीकरण करा ले। इस योजना का लाभ 5.02 लाख उपभोक्ताओं ने प्राप्त किया है।
वर्तमान सरकार ने वितरण परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि के लिए एक वृहद अभियान चलाया हुआ है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 8000 वितरण परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि की जानी है। इस अभियान के अन्तर्गत अब तक कुल 7033 वितरण परिवर्तकों की क्षमतावृद्धि की जा चुकी है। नयी व्यवस्था में विद्युत विभाग पूरी तरह अपने खर्चे पर किसानों के निजी नलकूपों सहित ग्रामीण क्षेत्र के सभी खराब परिवर्तकों को 48 घण्टें के अन्दर बदल रहा है।
डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऑन-लाइन रूरल बिलिंग व्यवस्था के अन्तर्गत सभी ग्रामीण उपभोक्ताओं को जोड़ दिया गया है। अब ग्रामीण उपभोक्ता घर बैठे अपने बिलों का भुगतान ई-पेमेन्ट ऑनलाइन- भीम एप, नेट बैंकिंग, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, ई-वालेट, एम-पैसा, एयरटेल मनी से भुगतान कर रहे हैं।
प्रदेश के सभी शहरी एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं को इन्टरनेट के जरिए विभागीय वेबसाइट के ट्रस्ट बिलिंग पोर्टल पर अपनी मीटर रीडिंग डालकर घर बैठे किसी भी समय विद्युत बिल बनाने, देखने एवं भुगतान करने की सुविधा प्रदान की गई है। टोल फ्री मोबाइल नम्बर 1912 द्वारा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता विद्युत आपूर्ति, परिवर्तकों के दोष, बिलिंग, मीटरिंग आदि सभी समस्याओं का निदान प्राप्त कर रहे हैं और 14 अप्रैल 2017 से अब तक लगभग 41000 उपभोक्ता इस योजना का लाभ प्राप्त कर चुके हैं।
इसके साथ ही डॉ. अम्बेडकर जयन्ती (14 अप्रैल) से भारत सरकार की उजाला योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में एक वर्ष में 5 करोड़ एल.ई.डी. बल्ब बांटने का लक्ष्य निर्धारित है। 14 अप्रैल 2017 से अब तक 20 लाख एल.ई.डी. बल्ब, 89000 एल.ई.डी. ट्यूबलाइट एवं 34000 पंखों का वितरण किया जा चुका है।
 
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