ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राज्य
अन्ना प्रथा पर लगेगी रोक, राष्ट्रीय गोकुल योजना जल्द होगी शुरू
By Deshwani | Publish Date: 26/6/2017 7:52:24 PM
अन्ना प्रथा पर लगेगी रोक, राष्ट्रीय गोकुल योजना जल्द होगी शुरू

 लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में अन्ना घूम रहे पशुओं को रोकने के लिए सरकार ने विशेष योजना बनाई है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के नाम से योजना की शुरूआत होगी। कार्यक्रम के अंतर्गत बुदेलखंड के सात जिलों में एक गोकुलग्राम घोषित कर एक हज़ार पशुओं को पाला जाएगा।

इसके लिए शासन ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर पशुबाड़े की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। यह गोकुलग्राम तीन सौ पचास एकड़ भूमि में खोला जाएगा। इस कार्यक्रम से बुन्देलखंड के सात जिलों में गोकुल ग्राम को पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनर्स) के तहत तैयार किया जाएगा। इस कार्यक्रम में कोई भूमि देना चाहे या कोई अन्य सहयोग करना चाहता है। तो वो अपने जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से संपर्क कर सकता है।”
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने 28 जुलाई 2014 को स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक तरीके से प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की थी। इस मिशन के तहत गोकुलग्राम का निर्माण करना था। अब तक पूरे देश में सिर्फ 14 गोकुलग्राम की स्थापना हो पाई है, लेकिन बुन्देलखंड के किसानों की समस्याओं को देखते हुए योगी सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह मिशन राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम पर केन्द्रित परियोजना है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी 19वीं पशुगणना के अनुसार, पूरे बुंदेलखंड में 23 लाख 50 हजार गोवंश हैं। जिनमें से अधिकांश छुट्टा हैं, जिन्हें स्थानीय भाषा में अन्ना कहा जाता है। इन्हीं पशुओं की बदौलत बुंदेलखंड दुनिया में सबसे कम उत्पादकता वाले क्षेत्र में शामिल है। 
हमीरपुर जिले के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. विजय सिंह की माने तो जिले में 50 हज़ार से भी ज्यादा जानवर छुट्टा घूम रहे हैं। इससे किसानों की 70 फीसदी फसल नष्ट हो रही है। गोकुल ग्राम से किसानों को काफी राहत मिलेगी।
डॉ. सिंह ने आगे बताया कि पशुबाड़े को वैज्ञानिक ढंग से विकसित किया जाएगा। पशु के गोबर, गोमूत्र सभी को उपयोग में लाया जाएगा इस पशुबाड़े में जो भी पशु दुधारू होंगे। उनका दूध निकालकर उससे होने वाली आय को ईएसआई गोकुल ग्राम के काम में लगाया जाएगा।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS