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रथयात्रा मेला: भगवान जगन्नाथ के नेह में डूबी काशी
By Deshwani | Publish Date: 26/6/2017 2:07:52 PM वाराणसी, (हि.स.)। काशी पुराधिपति की नगरी लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी भगवान जगन्नाथ के नेह में आकंठ डुबी रही। शहर के लक्खा मेले में शुमार रथयात्रा मेले में सुबह से रात तक भगवान जगन्नाथ के दर्शन पूजन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता रहा। परम्परानुसार काशी नरेश के वंशज महाराज कुंवर अनंत नारायण सिंह उनके पुत्र कुंवर प्रद्युम्न नारायण सिंह भी मेले में पहुंचे और भगवान जगन्नाथ के दरबार में हाजिरी लगा रथ को स्पर्श किया। इसके पूर्व पुजारी राधेश्याम पांडेय के आचार्यत्व में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र का फूलों से श्रृंगार किया गया। रथ के शिखर के अलावा परिक्रमा पथ को भी भव्य सजाया गया। सुबह लगभग 5.11 बजे मंगला आरती के बाद प्रभु को नौ बजे छौंका मूंग-चना, पेड़ा, गुड़ व देशी चीनी के शर्बत का भोग लगाया गया। दोपहर 12 बजे भोग व आरती के पश्चात पट बंद कर दिया गया। अपरान्ह तीन बजे आरती के साथ पुन: दर्शन शुरू हुआ। इसके बाद आठ बजे आरती, रात 12 बजे शयन आरती हुई। इसके पूर्व अलसुबह मंगला आरती के बाद रथ का स्पर्श करने और प्रभु जगन्नाथ के चरणों में तुलसी दल अर्पित करने की होड़ मची रही।
ससुराल में आए भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा व बलभद्र के विग्रह की अलौकिक झांकी देख लोग निहाल होते रहे। दर्शन पूजन के बाद मेले में आए लोगों ने चाट पकौड़ी नानखटाई का जमकर मजा लिया। साथ ही रथयात्रा-महमूरगंज मार्ग पर झूला व चरखी का भी आनंद उठाया। बच्चों ने खिलौनों की तो महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन व घरेलू जरूरतों के मुताबिक सामान की खरीदारी की।