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विश्व विटीलिगो दिवस: सफेद दाग कोई बीमारी नहीं, आयुर्वेद में इलाज संभव
By Deshwani | Publish Date: 25/6/2017 6:22:52 PM
विश्व विटीलिगो दिवस: सफेद दाग कोई बीमारी नहीं, आयुर्वेद में इलाज संभव

 लखनऊ, (हि.स.)। त्वचा पर सफेद दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है। समय रहते इलाज कराने से सफेद दाग ठीक हो सकता है। देश में आठ प्रतिशत लोग विटीलिगो (सफेद दाग) बीमारी से प्रभावित हैं। यह किसी भी उम्र में महिला व पुरूष को हो सकता है। यह रोग त्वचा द्वार ‘मिलेनिन’ नामक पदार्थ (जो कि त्वचा का रंग निर्धारित करता है) का बनना बंद हो जाने के कारण होता है। 

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. स्वास्तिका सुवीर्या ने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि इस बीमारी से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन सामाजिक, शारीरिक,मानसिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कष्ट देता है। इससे प्रभावित व्यक्ति को लोग हेय दृष्टि से देखते हैं। विटीलिगो का आहार से कोई संबंध नहीं है। किसी भी तरह की चोट, कटने के निशान और जलने से बचना चाहिए।

विवेकानन्द पाॅली क्लनिक के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. अजय कुमार राय ने बताया कि सफेद दाग कोई बीमारी नहीं है। उन्होंने बताया कि यह आनुवांसिक बीमारी है। इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। डा. अजय ने बताया कि खान से इस बीमारी का कोई संबंध नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गुजरात और राजस्थान में यह बीमारी अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक होती है।

सफेद दाग का होम्योपैथी में उपचार संभव

केन्द्रीय होम्यापैथिक परिषद के सदस्य व वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरूद्ध वर्मा ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि होम्योपैथी में रोगी के मानसिक लक्षण,शारीरिक बनावट, आचार, विचार, व्यवहार, इच्छा और अनिच्छा, पसंद और नापसंद, गर्मी, ठण्डी और मानसिक लक्षणों को देखते हुए हर रोगी के लिए अलग-अलग दवाओं का चयन किया जाता है।

इसके लिए ज्यादातर लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, जिससे ठीक होने में काफी वक्त लगता है। हालांकि, घर में मौजूद कुछ चीजों से ही इसका इलाज संभव है। कुछ लोगों का मानना है कि ये कुष्ठ रोग का पहला स्टेज है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं। ये न तो किसी प्रकार का कैंसर होता है, न ही कोढ़।

पूर्व जन्मों से इस बीमारी का संबंध मानते हैं आयुर्वेद चिकित्सक

बलरामपुर चिकित्सालय के आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. अरुण कुमार निरंजन ने बताया कि आयुर्वेद में इस बीमारी का सस्ता इलाज संभव है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में सफेद दाग को कुष्ठ का ही एक भाग माना गया है। यह तीन प्रकार का होता है। वात, पित्त व कफ। वात से होने वाले सफेद दाग में त्वचा पर हल्की चुनचुनाहट होती है। यह बीमारी एक वर्ष में ठीक हो सकती है। वहीं पित्त से होने वाला सफेद दाग में त्वचा पर जलन होती है। यह भी ठीक हो सकती है लेकिन कफ से होने वाले सफेद दाग असाध्य है। इसमें त्वचा पर तेज खुजली होती है। डा. निरंजन ने बताया कि आयुर्वेद में इस बीमारी का पूर्व जन्मों और कर्मों से भी संबंध बताया गया है। उन्होंने बताया कि अपने गुरू और साधु का अपमान करने वाले को यह रोग होता है।

सफेद दाग का घरेलू इलाज

नीम की पत्ती

नीम की पत्ती कई सारी बीमारियों का घरेलू उपचार है। इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे दाग वाले हिस्से पर लगाएं। नीम की पत्तियों के जूस में शहद मिलाकर पीना भी लाभकारी होगा। जल्द असर के लिए ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। ये ब्लड प्यूरीफाई का काम करता है।

सरसों तेल

सरसों तेल स्किन से लेकर बालों तक के लिए फायदेमंद है। इस तेल में हल्दी पाउडर मिलाकर उसे सफेद दाग पर लगाएं। सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें। साबुन का इस्तेमाल कम से कम करें। चिकनाहट मिटाने के लिए बेसन का इस्तेमाल करें।

अदरक

अदरक के छोटे से टुकड़े को सफेद दाग वाली जगह पर हल्के-हल्के रगड़ें। इससे उसका रस त्वचा तक पहुंचता है और अदरक में मौजूद मिनरल्स स्किन की इस समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।

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