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पिछड़े वर्ग से जाट समुदाय को अलग करने का निर्णय ले सरकार: हाईकोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 24/6/2017 7:42:24 PM इलाहाबाद, (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को आठ हफ्ते में जाट समुदाय को पिछड़े वर्ग में रखने या न रखने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के राम सिंह केस के निर्देशों की अवहेलना नहीं की जा सकती। आँकड़े न होने के आधार पर निर्णय लेने से नहीं बचा जा सकता। अगर आँकड़े नहीं है तो वह एक कमेटी गठित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने जाट समुदाय को पिछड़े वर्ग से अलग करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया था। पालन न करने पर यह याचिका दायर की गई है।
न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति रेखा दीक्षित की खंडपीठ ने यह निर्णय मानवीर की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्र ने बहस की। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को पिछड़े वर्ग से जाटों के बारे में निर्णय लेने का निर्देश दिया था किन्तु आँकड़े नहीं होने के आधार पर सरकार ने निर्णय लेने में असमर्थता व्यक्त की और प्रत्यावेदन निरस्त कर दिया जिसे चुनौती दी गई थी।