नई दिल्ली, (हि.स.)। राजधानी में अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई। जिससे घटना के तुरंत बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंच सके लेकिन पुलिस ने कैमरों के रखरखाव पर गंभीरता से काम नहीं किया। जिस कारण दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लगाए गए चार हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो दिल्ली के अधिकतर बड़े बाजारों, व्यस्त चौराहों, बॉर्डर पर बने चेक पोस्ट, थाना, डीसीपी ऑफिस, दिल्ली विश्वविद्यालय व अन्य जगहों पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं।
पुलिस कमिश्नर की बैठक में पता चला…
कुछ समय पहले ही पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने एक बैठक के दौरान सभी जिले के डीसीपी से खराब कैमरों को लेकर सवाल पूछा था, तब पता चला कि छह हजार कैमरे खराब पड़े हैं। पुलिस आयुक्त ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कैमरे तुरंत ठीक कराने को कहा था। इसी कारण अगली बैठक तक अधिकारियों ने तुरंत दो हजार से अधिक कैमरे ठीक करा दिए।
सीसीटीवी से वारदात को सुलझाने में मिलती है मदद…
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी की माने तो सीसीटीवी कैमरों से हत्या, लूटपाट, डकैती और सबसे ज्यादा स्नेचिंग की वारदातों को सुलझाने में यह काफी मदद करती है। दैनिक घटनाक्रम को देखे तो अधिक्तर मामले सीसीटीवी से सुलझे हैं। बावजूद इसके पुलिसकर्मी इनके रखरखाव में इतनी कोताही बरत रहे हैं।
वहीं, अगर पुलिस इन कैमरों के रखरखाव पर ध्यान देती तो शायद मुखर्जी नगर हत्याकांड को सुलझाने में इतना समय नहीं लगता। मुखर्जी नगर मामले में पुलिस ने घटना स्थल के पास सीसीटीवी फुटेज को चैक किया तो करीब 15-20 सीसीटीवी कैमरे खराब निकले। जिस कारण आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई।