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संस्कृत विश्वविद्यालय की घोषणा पर अयोध्या के संतों ने जताया आभार
By Deshwani | Publish Date: 18/6/2017 2:19:26 PM
संस्कृत विश्वविद्यालय की घोषणा पर अयोध्या के संतों ने जताया आभार

 अयोध्या, (हि.स.)। रामनगरी के प्रमुख साधु-संतों और वैदिक विद्वानों ने अयोध्या में संस्कृत विश्वविद्यालय की घोषणा का प्रदेश की योगी और केन्द्र की मोदी सरकार का आभार जताया है। संतों का कहना है कि संस्कृत भाषा देश को एक सूत्र मे बांधने में सक्षम है। इसके उन्नयन के लिए वैदिक और संस्कृत विद्वान लगातार संघर्षरत हैं। केन्द्र की मोदी और राज्यों की भाजपा सरकारें इसके संरक्षण- संवर्धन मे लगातार प्रयासरत दिख रही हैं। जिसका प्रमाण फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह की पहल और साधू संतों वा संस्कृत विद्वाननों की बहुप्रतीक्षित मांग को केन्द्र की मोदी सरकार और योगी के नेतृत्व में चल रही प्रदेश सरकार ने अयोध्या मे संस्कृत विश्व विद्यालय की स्थापित करने की घोषणा करके दिया है। संतों ने कहा कि मोदी और योगि के नेतृत्व मे प्रदेश और देश अवश्य अपने प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित और जीवंत करेगा ।

सार्वभौम संस्कृत विद्यापीठ के संरक्षक और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने मोदी और योगी सरकार को धर्म संस्कृत का संरक्षण करने वाला बताते हुए कहा कि अयोध्या में बहुत पहले ही संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना हो जानी चाहिए थी। इस प्रदेश में मात्र एक ही सम्पूर्णानंद विश्वविद्यालय है जो कि बहुत प्राचीन है। जिसकी छत्रछाया में भारत ही नहीं नेपाल जैसे और भी कई देशों से संस्कृत का अध्ययन करने विद्वान आते हैं। उन्होंने कहा अयोध्या में संस्कृत महाविद्यालय इस देव भाषा के उत्थान में सक्रिय है, परन्तु विश्वविद्यालय के बिना अधूरे थे। केन्द्र और प्रदेश सरकार के बीच सेतु बनकर जो कार्य सासंद लल्लू सिंह ने किया वह बधाई के पात्र हैं। 
सुग्रीव किला पीठाधीश्वर और केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य जगद्गुरू पुरूषोत्तमाचार्य ने अयोध्या में संस्कृत विश्वविद्यालय की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि चार माह पूर्व जब सांसद लल्लू सिंह से मोदी सरकार द्वारा होने वाले इस कार्य की जानकारी मिली तो बहुप्रतीक्षित आशाओं को बल मिला कि वर्तमान सेवक संस्कृत के प्रति जागरूक है। उन्होंने कहा इसमे प्रदेश सरकार की भूमिका विशेषकर सीएम का हम अभिनंदन करते हैं। उन्हो ने इस देव भाषा की रक्षा के लिए जो कदम उठाया है वह पूर्ण होगी।
त्रिरंडदेव संस्कृत महाविद्यालय के प्रबन्धक और संरक्षक जगद्गुरू रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य ने कहा संस्कृत कई भाषाओं की जननी है। अशर्फी भवन पीठ द्वारा संचालित संस्कृत महाविद्यालय के संरक्षक रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य ने अयोध्या में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना को आज की आवश्यक्ता बताते हुए कहा सम्पूर्ण विश्व में 200 विश्वविद्यालय हैं जिसमे संस्कृत भाषा पढ़ाई जाती है। लेकिन भारत तो संस्कृत भाषा का उद्गम है। जहां प्राचीन काल से ही इसकी शिक्षा ग्रहण करने हेतु विदेशी आते रहे हैं। सद्गुरु सदन गोलाघाट के महंत शियाकिशोरी शरण ने कहा यह सराहनीय घोषणा हुई है। हम मुक्तकंठ से स्थानीय सांसद तथा मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं| विहिप के प्रान्तीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने भी अयोध्या मे संस्कृत विश्व विद्यालय की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा सम्पूर्ण भारत में गिनती के पन्द्रह संस्कृत विश्वविद्यालय हैं| 
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