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कर्ज माफी पर किसानों ने कांग्रेस नेता को सुनाई खरी-खरी
By Deshwani | Publish Date: 16/6/2017 4:52:54 PM झुंझुनू, (हि.स.)। कर्जमाफी और वन रैंक-वन पेंशन के मामले में जिले के किसानों ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को खूब खरी खोटी सुनाई। किसानों के सवालों की बोछार के आगे डॉ. चंद्रभान को अपना भाषण बीच में रोकना पड़ा। दरअसल खेती बचाओ, किसान बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर झुंझुनू कलेक्ट्रेट पर किसानों की महापंचायत बुलाई गई थी। महापंचायत में राजनीतिक दलों सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मंच पर मौजूद रहे।
इस दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान भी भाषण देने आए। उन्होंने कर्ज माफी के मामले में भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण कर्जा है। भाजपा सरकार को पूरे देश में किसानों का कर्जा माफ करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कर्जा माफी का मुद्दा जुड़वाने का प्रयास करेंगे। वे बोले कि कांग्रेस ने ही कृषि ऋण की ब्याज दर 11 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत किया था। इसी दौरान कुछ किसान खड़े हो गए और किसानों की दशा के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराने लगे। किसानों ने कहा कि कांग्रेस ने भी कर्जा माफ नहीं किया था। कांग्रेस भी सब समस्याओं का समाधान करती तो हारती नहीं। लगातार किसानों द्वारा इस तरह के प्रश्न पूछे जाने लगे तो चंद्रभान भाषण बंद कर बैठ गए।
किसानों ने पूछा था कि कांग्रेस ने भी किसानों का कर्जा माफ नहीं किया था। इस पर चंद्रभान ने कहा कि सरकार हर बात नहीं मान सकती। इस पर एक किसान ने कहा कि सैनिकों की वन रैंक-वन पैंशन का मामला भी कांग्रेस नहीं सुलझा पाई। तब चंद्रभान को कहना पड़ा कि कांग्रेस हर समस्या का समाधान करती तो चुनाव नहीं हारती। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मामले में किसानों ने पूछा तो चंद्रभान ने कहा कि रिपोर्ट की कुछ बातें कांग्रेस ने लागू की थी। इस पर किसानों ने कहा कि कोई एक बात तो बताओ जो लागू की हो इस पर चंद्रभान किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाए।