गोरखपुर, (हि.स.)। कैम्पियरगंज के हरनामपुर गांव के हनुमानगंज चौराहे पर सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के लिए बने हेलीपैड से किसानों को हुई क्षति के एक तिहाई मुआवजा देने का मामला प्रकाश में आया है। इससे किसान काफ़ी दुखी हैं। किसानों का कहना है कि सहभोज जैसे कार्यक्रमों से तो समारसता बढ़ती है, यहां तो समरस होने का भाव ही खत्म कर दिया गया। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने बहुत कम मुआवजा दिया है। हालात यह है कि दो किसानों को मुआवजा मिला ही नहीं है। कार्यक्रम में शामिल होने आये लोगों की वजह से भी कई अन्य किसानों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है।
बतादें कि सीएम के कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए पीडब्ल्यूडी ने 35 लाख का टेंडर निकला था यानि कि इतना खर्च हुआ है, लेकिन किसानों के खेत में उगाई गयी केले की फसल का मुआवजा देने में खूब कंजूसी की गई है।
यह है हेलीपैड का क्षेत्रफल
प्रशासन ने 20 गुणे 20 मीटर क्षेत्र में हेलीपैड बनाया था और उसके चारों ओर 60 गुणे 60 मीटर क्षेत्र में बैरीकेडिंग की गई थी। इसे बनाने के लिए प्रशासन ने चार किसानों का खेत एक्वायर किया था। इनमें साधुुशरण, हरिओम, सुकुर अली व मिश्री चौहान का खेत शामिल है।
खेत में लगे थे केले
मिश्री चौहान ने अपने खेत में केले लगाये थे। फसल 15 दिन बाद तैयार हो जाती। विक्रय से 25 हजार रुपये मिलते। मिश्री चौहान की पत्नी कलावती के मुताबिक उसके खेत से 105 केले के पेड़ काटे गये हैं, जबकि मुआवजे के रूप में उसे महज 2500 रुपये मिले हैं। अब प्रशासन पूरा मुआवजा देने में हीलाहवाली कर रहा है।
ऐसे हो रहा नुकसान का आंकलन
किसान अगर 105 पौधों में तैयार केले को बेंचता तो उसे नीलामी के दौरान 100 रूपये प्रति पौध प्राप्त होता। इस हिसाब से उसे 10 हजार 500 रूपये मुआवजा मिलाना चाहिए। साधुशरण को तो मुआवजे के रूप में एक रुपया नहीं मिला है। वहीं, विद्यावती की हटाई गई झोपड़ी के लिए प्रशासन ने 5000 रूपये मुआवजा दिया है।