देहरादून, (हिं.स.)। विश्वप्रसिद्ध कार्बेट और राजाजी नेशनल पार्क में सैलानी अब पांच माह बाद ही वन्यजीवों के मोहक संसार का करीब से दीदार कर सकेंगे। चौंकिए नहीं, मानसून सीजन के मद्देनजर दोनों पार्काें के पर्यटक जोन 15 जून को बंद किए जा रहे हैं और सोमवार से बुकिंग भी बंद कर दी गई है। हालांकि, इस सत्र में भी कार्बेट नेशनल पार्क सैलानियों की पहली पसंद बना रहा और पिछले साल के मुकाबले वहां रिकॉर्ड सैलानी पहुंचे और राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई। यही नहीं, राजाजी के प्रति भी पर्यटकों का रुझान बढ़ा है। खासकर चीला पर्यटक जोन का आकर्षण उन्हें अपनी ओर खींचता रहा।
असल में प्रतिवर्ष मानसून सीजन में दोनों पार्काें के दरवाजे 15 जून से 15 नवंबर तक सैलानियों के लिए बंद रखे जाते हैं। वजह ये कि बारिश के कारण सभी पर्यटक जोन में ट्रैक क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे वाहनों के फंसने के साथ ही खतरे का अंदेशा रहता है। मानसून सीजन में सिर्फ पार्क कर्मियों की सघन गश्त ही चलती है। इस बार भी दोनों पार्क 15 जून को बंद करने के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
इस सत्र (15 नवंबर 2016 से 15 जून 2017) को ही लें तो बाघों की प्रमुख सैरगाह कार्बेट नेशनल पार्क को सैलानियों ने खूब तवज्जो दी। पार्क निदेशक सुरेंद्र मेहरा बताते हैं कि इस सत्र में 13 जून तक 2.96 लाख सैलानी कार्बेट के खूबसूरत संसार का दीदार कर चुके हैं। इनमें 2.84 लाख भारतीय और शेष विदेशी हैं। राजस्व के रूप में अब तक कार्बेट को 9.68 करोड़ रुपये मिले हैं।
पिछले साल पार्क में 2.36 लाख सैलानी आए, जिसमें छह हजार विदेशी थे। आय हुई थी करीब आठ करोड़। इधर, राजाजी नेशनल पार्क में भी हाथियों के साथ ही बाघों के दीदार को सैलानी ठीकठाक उमड़े। पार्क प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक इस सत्र में पार्क में आने वाले सैलानियों का आंकड़ा 23 हजार पार करने की संभावना है। सही स्थिति बुधवार तक सामने आ पाएगी। गत वर्ष यहां 22937 भारतीय और 1603 विदेशी पर्यटक आए थे। राजस्व के रूप में पार्क को 62 लाख की आय हुई थी।