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अंबुवासी मेले में हिस्सा लेने के लिए कामाख्या धाम पहुंच रहे नागा संत
By Deshwani | Publish Date: 12/6/2017 11:35:01 AM
अंबुवासी मेले में हिस्सा लेने के लिए कामाख्या धाम पहुंच रहे नागा संत

गुवाहाटी, (हि.स.)। पूर्वोत्तर के कुंभ के रूप में विख्यात अंबुवासी मेले के आरंभ होने में महज चंद दिन शेष बचे हैं। ऐसे में असम की राजधानी गुवाहाटी के नीलाचल पहाड़ी पर स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाख्या धाम में पूर्व की परंपरानुसार साधु-संतों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। नीलाचल पहाड़ी के विभिन्न इलाकों में साधु-संत अभी से अपने डेरा डालने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि अंबुवासी मेले के दौरान चार दिनों तक मां कामाख्या के मंदिर का कपाट पूरी तरह से बंद रहता है। इस दौरान मंदिर के गर्भ-गृह में कोई भी नहीं जा सकता। हालांकि अंबुवासी के तिथि के दौरान साधु-संत और श्रद्धालु मां की पूजा करने के लिए मंदिर परिसर व आसपास के निचले इलाकों में डटे रहते हैं। अंबुवासी तिथि के पूरा होने के बाद मां का दर्शन करने के बाद लोग अपने स्थान की ओर वापस लौटते हैं।

आगामी 22 से 25 जून तक अंबुवासी मेला का आयोजन हो रहा है। इसके मद्देनजर अभी से काफी संख्या में साधु-संत नीलाचल पहाड़ी पर अपना डेरा जमाने लगे हैं। वहीं साधु-संतों के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं का आना भी अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण देर शाम तक माता रानी के दर्शन के साथ ही संतों के दर्शनार्थ भी जुटे रहते हैं। उल्लेखनीय है कि यह मेला मां के तीन दिनों तक रजस्वला होने के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इस दौरान तंत्र साधक अपनी साधना को पूर्ण करने के लिए इस शुभ घड़ी का पूरे वर्ष भर इंतजार करते हैं। अंबुवासी की घड़ी में तंत्र साधक नीलाचल पहाड़ी के दुर्गम स्थानों में एकांतवास में रहते हुए लगातार तंत्र साधना करते हैं। अंबुवासी मेले के दौरान पूरा नीलाचल पहाड़ी एक बड़े तीर्थ नगरी में तब्दील हो जाता है। इस बार असम सरकार ने इसको भव्य रूप में आयोजित करने के लिए काफी बड़ी तैयारी की है।

इस बार भी पूरे देश के विभिन्न स्थानों से संतों के प्रमुख अखाड़े जुना अखाड़ा के नागा संत अंबुवासी मेले में भाग लेने के लिए कामाख्या धाम पहुंचने लगे हैं। हालांकि संतों को यहां पर पहुंचने पर उन्हें कई तरह की परेशनियां महसूस हो रही है। अब तक 40 नागा संत कामाख्या धाम में पहुंच गए हैं। संतों ने बताया है कि इस बार मेले में लगभग 1000 नागा संतों के आने की बात है लेकिन प्रशासन की ओर से तथा कामाख्या देवालय की ओर से अभी तक किसी तरह का कोई संपर्क नहीं किया गया है। इतने संत कहां रहेंगे और कैसे पूजा-अर्चना करेंगे इसके लिए किसी तरह का प्रबंध नहीं किया गया है।

इस संबंध में सतनाम जुना अखाड़े के महंत गोबिंद गिरि महाराज ने सोमवार को हिंदुस्थान समाचार से कहा कि सनातम धर्म की रक्षा करने वाले नागा साधु-संत अंबुवासी के समय कामख्या धाम में आते रहे हैं। यह प्रथा अनादि काल से चली आ रही है, और वे आगे भी आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि संतों को मेले के बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही किसी ने हमसे संपर्क किया है। महाराज ने कहा कि पहले ऐसा नहीं होता था। पहले हमारे साथ बातचीत की जाती थी लेकिन इस बार अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि अंबुवासी मेले में आए नागा संतों से प्रशासन संपर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान करे। क्योंकि पूरे देश से इस बार सबसे बड़ी संख्या में नागा संत लगभग 1000 के आसपास आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नागा संत आगामी 21 जून को भूतनाथ से कामाख्या धाम तकएक विशाल जुलूस निकालेंगे, इसमें लगभग हजारों की संख्या में नागा संत मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि संत मां के दरबार में आए हैं, इसलिए सरकारको भी चाहिए कि उनसे संपर्क कर भारी संख्या में आऩे वाले संतों के उचित प्रबंध की व्यवस्था को सुनिश्चित कराए।

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