राज्य
आप सरकार की शिक्षा नीति के खिलाफ रविवार को प्रदर्शन करेंगे छात्र
By Deshwani | Publish Date: 10/6/2017 5:53:26 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े दावे करने वाली दिल्ली सरकार की नीतियों के चलते करीब एक लाख से ज्यादा बच्चों का भविष्य खतरे में हैं। गलत शिक्षा नीति के कारण ये बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से अलग हो गये हैं। इसके विरोध में छात्र एवं उनके अभिभावक रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे।
दरअसल शैक्षणिक सत्र 2015-16 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में 9वीं एवं 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले करीब एक लाख नौ हजार छात्रों को फैल होने के बाद जबरन स्कूल छोड़कर जाने के लिए कह दिया गया और उन्हें पत्राचार या अन्य स्कूलों में जाने के निर्देश दिये गये। इनमें से 62 हजार छात्रों ने पत्राचार में दाखिला ले लिया। इन छात्रों ने 2016-17 में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित दसवीं की परीक्षा में हिस्सा लिया जिनमें से 1250 छात्र ही पास हो पाये, 60750 छात्र फेल हो गये। ये छात्र अपनी मांगों को लेकर रविवार 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे।
इस संबंध में आॅल इंडिया पैरेंटस एसोएिशन के अध्यक्ष एवं शिक्षाविद आशोक अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार के दावे करने वाली आप सरकार ने लाखों बच्चों का भविष्य चौपट कर दिया है। उन्होंने दावा किया सरकार की पुश आउट नीति से प्रतिवर्ष लाखों छात्र रैग्युलर स्कूलों से अलग हो जायेंगे। इससे आने वाले समय में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बहुत कम हो जायेगी। इसके चलते सरकार को शिक्षक भी कम रखने पड़ेंगे।
अशोक अग्रवाल ने कहा कि रविवार को प्रदर्शन के दौरान छात्र सरकार के आगे अपनी मांगे रखेंगे। जिनमें फेल हुए छात्रों की पुर्नपरीक्षा परीक्षा आयोजित कराना। पास होने वाले छात्रों को 11वीं कक्षा में दाखिला देना तथा पुर्नपरीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को 9वीं कक्षा में दोबारा दाखिला देना शामिल हैं।