लखनऊ, (हि.स.)। हथरकरघा व कुटीर वस्त्र उद्योग को वस्तु एवं सेवा कर विधयेक (जीएसटी) से मुक्त किया जाय। इस मांग को लेकर वस्त्र उद्योग से जुड़े व्यवसाइयों का एक प्रतिनिधिमण्डल वाराणसी दक्षिणी के विधायक व मंत्री डा. नीलकण्ठ तिवारी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शनिवार को मुलाकात की।
मुख्यमंत्री योगी ने वस्त्र व्यवसाइयों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि रविवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में उन्हें इससे अवगत कराऊंगा। उन्होंने कहा कि मैं भी हैण्डलूम तथा कुटीर उद्योग को जीएसटी से मुक्त रखने का पक्षधर हूँ।
व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से वाराणसी की संस्कृति व विरासत के साथ हथकरघा व वस्त्र उद्योग के गौरवशाली अतीत को भी बताया। व्यापारियों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से यह व्यापार अनेक कठिनाइयों से गुजर रहा है, जिसके कारण वाराणसी समेत पूर्वांचल के मऊ, मुबारकपुर, आजमगढ़, खैराबाद के बुनकर, निर्माता तथा व्यापारी बुरी तरह से प्रभावित है।
व्यापारियों ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने वस्त्र उद्योग के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई, लेकिन पिछली उत्तर प्रदेश सरकार के असहयोग के कारण कई योजनाओं का अपेक्षित लाभ वस्त्र उद्योग को नहीं मिल पाया।
हालांकि वाराणसी वस्त्र उद्योग एसोसियेशन के पदाधिकारियों ने ‘‘एक देश, एक कर’’ के आधार पर जीएसटी का समर्थन किया। उनका कहना था कि हथकरघा एवं कुटीर वस्त्र उद्योग कृषि के बाद देश की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा अंग है, जिससे छोटे-छोटे बुनकरों एवं कुटीर निर्माताओं के ऊपर आश्रित हैं, जीएसटी का अत्यंत नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।