भोपाल, (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सुबह 11 बजे से राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर किसानों को चर्चा करेंगे। इसके लिए उन्होंने किसानों को खुला आमंत्रण दिया है। शनिवार को सुबह भेल दशहरा मैदान पर किसानों का आना भी शुरू हो गया है, और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों से आंदोलन स्थगित करने की भावुक अपील करते हुए कहा कि शांति बहाली के लिये वे आज से उपवास करेंगे।
मुख्यमंत्री ने आंदोलन से लोगों को हुए कष्ट से द्रवित होकर कहा कि वे शांति बहाली के लिये उपवास करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंदोलनकारी किसानों से आंदोलन स्थगित करने की अपील की है। शांति बहाल करने और किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए खुला निमंत्रण दिया है। मुख्यमंत्री दस जून की प्रात: 11 बजे से भोपाल स्थित भेल दशहरा मैदान में किसानों से चर्चा के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने शांति बहाल करने के लिए अपील करते हुए कहा कि वे उपवास पर भी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। जनता की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा, जो परिस्थितियां निर्मित हुई हैं वह ठीक नहीं है। बच्चों के हाथ में जिन्होंने पत्थर थमा दिए हैं उन्होंने ठीक नहीं किया है। अराजक तत्वों के साथ सख्ती के साथ निपटा जायेगा। जनता की सुरक्षा के लिये सरकार राजधर्म का पालन करेगी।
शिवराज चौहान ने कहा कि सरकार ने सिंचाई, बिजली की व्यवस्था, पहले जीरो प्रतिशत और बाद में दस प्रतिशत ऋणात्मक कर्ज पर किसानों को कर्ज देने आदि के कार्य किये हैं। सरकार की नीतियों से बम्पर उत्पादन हो रहा है। बम्पर उत्पादन के कारण फसलों की कीमतों में कमी आई है। पिछले दिनों जो परिस्थितयां निर्मित हुई हैं उनसे होने वाली किसानों की तकलीफ को सरकार ने समझा है। सरकार ने गेहूं, धान को समर्थन मूल्य पर खरीदा है। प्याज आठ रुपये प्रति किलो के मूल्य पर खरीदा जा रहा है। तुअर 5050 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी जायेगी। ग्रीष्म मूंग को 10 जून से 5225 रुपये प्रति क्विदर पर खरीदा जायेगा। उड़द भी 10 जून से समर्थन मूल्य पर खरीदी जायेगी। भुगतान चेक से नहीं आरटीजीएस से किया जा रहा है। रबी और खरीफ फसलों के लिये अलग-अलग कर्ज देने की व्यवस्था को बदलने का फैसला कर दिया है। किसान एक साथ दोनों फसलों के लिये कर्ज ले सकते हैं। भविष्य में ऐसी स्थितियाँ निर्मित नहीं हों इसके लिये 1000 करोड़ का स्थिरीकरण कोष का गठन किया जाएगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसानों को उनकी फसल का ठीक दाम मिले।
फसलों की उत्पादन लागत का निर्धारण अखिल भारतीय स्तर पर किया जाता है। इसे राज्य आधारित करने के लिये प्रदेश में कृषि लागत एवं विपणन आयोग का गठन किया जायेगा। इससे किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जा सकेगा। खाद,बीज के लिये 100 रुपये के कर्ज की वापिसी 90 रुपये करने की व्यवस्था है। इस नेट में जो किसान छूट गये हैं उन्हें नेट में लाने के लिये सरकार 'समाधान योजना''लागू करेगी। पिछले साढ़े 11 साल में मुख्यमंत्री के नाते प्रदेश की जनता का विकास और किसानों का कल्याण फोकस में रहा है। किसानों के कल्याण के लिये अभूतपूर्व कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों की हर समस्या के समय सरकार उनके साथ रही है। जब भी किसानों पर संकट आया, मुख्यमंत्री किसानों के बीच पहुंचे और उनके कल्याण के लिये कार्य किये। मध्यप्रदेश में किसान-कल्याण के लिये, जो कहीं भी-कभी भी नहीं हुआ है, वह हुआ है। सोयाबीन की फसल जब खराब हुई थी तब चार हजार 400 करोड़ रुपये की राहत और चार हजार 800 करोड़ रुपये की बीमा राशि का भुगतान किसानों को किया गया था।