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नमामि गंगे परियोजना बुन्देलखंड में लायेगी हरियाली
By Deshwani | Publish Date: 9/6/2017 4:35:05 PMलखनऊ, (हि.स.)। झुलसा देने वाली गर्मी और पानी की भयंकर किल्लत के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बुन्देलखंड में नदियों के सूने घाट अब हरियाली से मुस्कराते नजर आयेंगे। यह कवायद नमामि गंगे परियोजना के तहत पूरी होगी।
इसका मसौदा तैयार हो चुका है और सब कुछ ठीक रहा तो शासन से जल्द ही हरी झंडी भी मिल जायेगी। इसके बाद यमुना और केन नदी के आधा सैकड़ा तटवर्ती गांवों में पर्यावरण संरक्षण की नई मुहिम रंग लाती नजर आयेगी। नमामि गंगे परियोजना केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें नदियों के संरक्षण पर काम किया जा रहा है। योजना में बुन्देलखंद की नदियों को भी शामिल किए जाने की मुहिम शुरु हो गई है। शासन के निर्देश पर वन विभाग ने इसकी कार्ययोजना मुख्यालय को भेजी है। बताया जा रहा है कि शुरुआती चरण में केन और यमुना नदी का 10-10 किलोमीटर का तटवर्ती क्षेत्रफल शामिल किया गया है। इसमें लगभग आधा सैकड़ा गांव चयनित किए गए हैं।
परियोजना के तहत दोनों नदियों पर पांच-पांच सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौधरोपण किया जाएगा। वन विभाग के मुताबिक परियोजना के तहत चिन्हित क्षेत्रों में पौधरोपण कराया जाएगा। निजी क्षेत्र के किसान भी शामिल होंगे। जिन्हें पौधरोपण के लिए सरकार से पैसा मिलेगा। साथ ही पौधों की पांच वर्ष तक रखवाली का भी पैसा सरकार देगी। इसके पीछे पौधरोपण से नदियों के सूने इलाकों में हरियाली बढ़ाने का मकसद है, जिससे जल एवं पर्यावरण संरक्षण का एक ऐसा गठबंधन होगा जो जल एवं पर्यावरण संरक्षण के काम आएगा। इसके साथ ही फलदार वृक्षों से इलाकाई किसानों को आमदनी बढ़ाने का जरिया मिलेगा।