लखनऊ,(हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है प्रशासन संवेदनशील हो जाए तो कोर्ट में मुकदमों का बोझ नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि गांव में जब कई छोटी घटनाएं एक के बाद एक होने लगती हैं तो उसके चलते कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है। अगर इन्हें समय रहते निपटा लिया जाए तो एक बड़ा हादसा टाला जा सकता है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को गोमतीनगर स्थित हाई कोर्ट भवन में मेनस्ट्रीमिंग ऑफ़ लीगल एड थ्रू कॉमन सर्विस सेन्टर का लोकार्पण कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम यूपी स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी व भारत सरकार के न्याय विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के क्षेत्र में एक नई क्रान्ति को शुभारभ्म करने के लिए मैं दिल से स्वागत करता हूं। सुलभ व त्वरित न्याय दिलाने के लिए इस पहल के लिए दिल से बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था पर ब्रिटेन का असर है। जबकि वैदिक काल से न्यायिक प्रक्रिया का वर्णन मिलता है। प्राचीन व्यवस्था में दण्ड और न्याय प्रक्रिया का वर्णन है। प्राचीन न्याय व्यवस्था सामाजिक मूल्यों पर टिकी थी, जिसे हम धर्म की व्यापक धारणा के अर्न्तगत लेते हैं। धर्म के खिलाफ काम करने वालों के लिए दण्ड व्यवस्था थी। बिटिश भारत ने भी हमारी प्राचीन व्यवस्था को स्वीकारा था। हमारी प्राचीन व्यवस्था गहन मामलों को सुलझाने वाली थी। प्राचीन व्यवस्था में दण्ड के साथ प्रायश्चित की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सस्ता, सुलभ न्याय मिलना चाहिए। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। न्यायिक क्षेत्र में बुनियादी सेवाओं को हम मजबूत करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विषम हालातों के बावजूद लोक अदालत सफल हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि टेली लॉ न्याय के क्षेत्र में एक क्रान्ति है। इससे कानूनी मदद से सभी को न्याय मिलेगा। उ.प्र. में हमने 62,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेन्टर प्रारम्भ किये हैं। मेनस्ट्रीमिंग ऑफ़ लीगल एड थ्रू कॉमन सर्विस सेन्टर एक अच्छी पहल है। उ.प्र. सरकार इस पहल को हर तरह से सहयोग करेगी। इस पहल से जनता का न्यायिक व्यवस्था पर विश्वास और मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के इस संयुक्त प्रयास के फलस्वरूप न्यायालयों में खासतौर पर महिलाओं से सम्बन्धित वादों को जल्द से जल्द निस्तारित करना सम्भव हो सकेगा। मुझे संकोच नहीं कि वर्तमान सरकार गरीबों, वंचितों, महिलाओं को सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान न्यायिक व्यवस्था में अभिनव प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे वह सन्तुष्ट हों। लोक अदालत वर्तमान व्यवस्था में इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। तमाम विषम परिस्थितियों के बावजूद लोक अदालत की व्यवस्था सफल साबित हो रही है। तहसील दिवस को समाधान दिवस में बदलने से अच्छे परिणाम आयेंगे।