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बुन्देली लोक संस्कृति को बचाने की पहल, संस्कृति विभाग करा रहा कार्यशाला
By Deshwani | Publish Date: 6/6/2017 12:42:36 PM
बुन्देली लोक संस्कृति को बचाने की पहल, संस्कृति विभाग करा रहा कार्यशाला

झांसी, (हि.स.)। विलुप्त होती बुन्देलखण्ड की लोक संस्कृति को पुर्नजीवित करने के लिए संस्कृति विभाग के तत्वावधान में नगर के एक इण्टर कॉलेज में 10 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसका प्रस्तुतिकरण बुन्देलखण्ड के मर्मज्ञ मंत्री हरगोविन्द कुशवाहा की उपस्थिति में 10 जून को किया जाएगा। कार्यशाला में करीब 5 दर्जन छात्र-छात्राऐं व क्षेत्रीय महिलाएं लोक कलाकारों के संरक्षण में अभ्यास कर रही हैं।
पाश्चात्य सभ्यता की चकाचैंध में बुन्देलखण्ड की लोक संस्कृति विलुप्त होने की कगार पर है। अब यदा-कदा केवल गांवों में होने वाले वैवाहिक कार्यक्रमों में ही लोक गायन का उदाहरण देखने को मिलता है। बुन्देली लोक नृत्य राई की बात करें या फिर वीर रस से परिपूर्ण महोबा के आल्हा-ऊदल को समर्पित आल्हाखण्ड की अथवा जन्म और वैवाहिक संस्कार के समय गाए जाने वाली गारी,बन्ना, ढिमरयाई, सोहर आदि लोक गायन सभी लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं। अब किसी भी कार्यक्रम में बेतरतीब तरीके से बजने वाले कानफोड़ू डीजे ने सब कुछ अपने आप में समेट लिया है। विलुप्त होती बुन्देली धरोहर को सहजने के लिए संस्कृति विभाग आगे आया है। नगर में इसके लिए ज्ञान स्थली इण्टर काॅलेज की सचिव अर्चना गुप्ता के नेतृत्व में एक से 10 जून तक 10 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें छात्र-छात्राओं समेत क्षेत्रीय महिलाऐं भी शामिल हैं। इन सभी को लोक कलाकार प्रेम रायकवार, अरविन्द नीरज, रीना सोनी आदि के सानिध्य में अभ्यास कराया जा रहा है। कार्यक्रम का रेडियो पार्टनर 92.7 बिग एफएम है। इसकी आरजे अभिलाषा सक्सेना ने बताया कि लोक संस्कृति का प्रचार प्रसार करते हुए उन्हें गर्व का अनुभव हो रहा है।
डीजे के कुप्रभाव में खो गई लोक संस्कृति 
एक इण्टर काॅलेज की प्राधानार्या अनिल प्रभा द्विवेदी का मानना है कि वर्तमान में लोग अपनी बुन्देली विरासत को भुलाते जा रहे हैं। उसका कारण वह डीजे को मानती हैं। उन्होंने बताया कि ये डीजे का कुप्रभाव ही है जिसने बुन्देली लोक कला को कही गुमनामी के अंधेरे में धकेलने का काम किया है। 
10 जून को राज्य मंत्री की उपस्थिति में होगा प्रस्तुतिकरण
आयोजक अर्चना गुप्ता ने बताया कि बुन्देली लोक संस्कृति को बचाने के लिए आयोजित की गई कार्यशाला का प्रस्तुतिकरण 10 जून को ज्ञान स्थली इण्टर कॉलेज में सांय छह बजे से किया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बुन्देलखण्ड एनसाइक्लोपीडिया के नाम से जाने जाने वाले राज्यमंत्री हरगोविन्द कुशवाहा रहेंगे।
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