पटना| बिहार विधान सभा की लोक लेखा समिति के सभापति और वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर यादव ने शनिवार को कहा कि सात निश्चय के बुरे हश्र के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब बिहार में पर्यटन विकास के लिए भारत सरकार की योजनाओं का नाम बदल कर जनाता में लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
नंदकिशोर यादव ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में पर्यटन विकास और विविध धार्मिक सर्किटो के लिए अपने विशेष पैकेज में 16,160 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है जिसपर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अपनी राजगद्दी बचाने के प्रयासों में विकास के पायदान से लगातार नीचे गिर रही नीतीश कुमार की सरकार की नजर अब पर्यटन क्षेत्रों पर है।
भजपा नेता ने आरोप लगाया कि आरोप-प्रत्यारोप से चैतरफा घिरी महागठबंधन की सरकार के मुखिया नीतीश कुमार अपने कथित ‘सात निश्चय ’ की विफलता के कारण केन्द्र की पर्यटन विकास की वृहद योजनाओं को अपने ‘विकास खाते’ में डालने का नया रास्ता खोज रहे हैं। इसके लिए वे नये-नये धार्मिक सर्किटों की खोज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नवनिर्मित शक्ति, शिव और सिख सर्किट के लिए भारत सरकार ने पूर्व में ही 600 करोड़ रूपये दिये हैं। विक्रमशिला सहित बौद्ध सर्किट में आने वाले अन्य स्थानों के साथ वैशाली तथा बोधगया के लिए 200 करोड़, सुल्तानगंज-देवघर कांवरिया मार्ग के विकास , सिख तीर्थ पटना साहिब, महात्मा गांधी सर्किट, पावापुरी सहित जैन सर्किट, मंदार पहाड़ियों सहित अंग क्षेत्र के लिए विषेष पैकेज में 50-50 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा रामायण सर्किट के लिए 100 करोड़ रूपये का भी प्रावधान किया गया है।
नन्दकिशोर यादव ने कहा कि भारत सरकार ने विभिन्न सर्किटों और धार्मिक केन्द्रों को जोड़ने की योजना के तहत 10,160 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है जिसके अंतर्गत रामपुर-खजुरिया-केसरिया के हिस्से को चार लेन के समतुल्य बनाने और हाल ही में घोषित राम जानकी मार्ग जो सिवान-मधुबनी-सीतामढ़ी को जोड़ना शामिल है। उन्होंने कहा कि बोधगया- सारनाथ-वाराणसी बौद्ध सर्किट में विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना पर कार्य पर है। केन्द्र सरकार की योजनाओं का नया नामकरण को ओछी राजनीति बताते हुए उन्होंने कहा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भारत सरकार की योजनाओं को नीतीश कुमार एक बार फिर अपने खाते में डालने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।