बिहार
लालू, नीतीश, सुशील व रामविलास एक ही थैली के चट्टे –बट्टे: सतीश
By Deshwani | Publish Date: 17/5/2017 6:04:35 PMपटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
जनतांत्रिक लोकहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक सतीश कुमार ने मंगलवार को पड़े राजनेताओं पर इनकम टैक्स व सीबीआई के छापे और शीर्ष न्यायालयों में आपसी टकराव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की गंगा में सभी दल डूबे हैं। सिर्फ और सिर्फ सत्ता संघर्ष के लिए ये दल एक – दूसरे का चेहरा मैला करने और अपना चेहरा चमकाने की होड़ में लगे हुए हैं।
श्री कुमार ने पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि राजद प्रमुख लालू यादव और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के यहां इनकम टैक्स व सीबीआई की छापेमारी एक बात है, मगर इन छापों पर श्रेय लेकर भाजपा नेता सुशील मोदी क्या साबित करना चाहते हैं ? क्या उनका दामन साफ है ? क्या भाजपा ने भ्रष्टाचार नहीं किया है ? क्या भाजपा के शासन काल में महंगाई कम गई या किसानों का भला हुआ ?
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि खुद को जेपी आंदोलन की उपज बताने वाले बिहार के चारों नेता लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, सुशील कुमार मोदी और रामविलास पासवान एक ही थैली के चट्टे – बट्टे हैं। इन चारों को बिहार के किसानों, कामगारों, युवाओं की खुशहाली से कोई लेना - देना नहीं है। इनमें राजनीतिक प्रतिद्वंद्वता बस इतनी भर है कि राज्य की राजनीतिक गतिविधियां इनके इर्द – गिर्द चलती रहे। उन्होंने कहा कि ये चारों व्यक्तिवादी, अधिनायकवादी और जाति – धर्म की राजनीति के पर्यायवाची है। विकल्प की तलाश कर रही बिहारी आवाम को पुन: जाति – धर्म के भावनात्मक बहाव में अपने इर्द
श्री कुमार ने कहा कि केंद्र में बिहार से कई मंत्री हैं। राज्य में सुशासन बाबू की सरकार है। फिर भी बिहार के किसान पलायन एवं बंधुआ मजदूरी को विवश हैं। राज्य में माध्यमिक शिक्षा में नामांकन 42 फीसद है। दच्च शिक्षा में नामांकन 38 फीसद है। राज्य का कृषि विकास दर शून्य से नीचे चला गया है।
सीमा पर आतंकवाद, जवानों की शहादत, मंहगाई और भ्रष्टाचार पर भाजपा को घेरते हुए श्री कुमार ने कहा कि जनता भाजपा के रवैये को खूब समझ रही है। इनके शासन काल में देश के शीर्ष न्यायालयों में टकराहट की स्थिति है। यह टकराहट जाति – धर्म की राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि जलोपा की स्पष्ट मान्यता है सत्ता पक्ष एक बार फिर से देश की जनता को गरीबी, अशिक्षा और कबीलाई संस्कृति में धकेल देना चाहती है। जलोपा एक नई सोच एवं नई उमंग के साथ विकल्प की राजनीति कर रही है। संवाददाता सम्मेलन के दौरान पार्टी के नेता संजय मंडल भी उपस्थित रहे।