बिहार
पटना हाईकोर्ट ने सरकार की निश्चय योजनाओं पर लगाई रोक
By Deshwani | Publish Date: 17/5/2017 4:18:35 PMपटना, (हि.स.)| बिहार सरकार को पटना हाईकोर्ट से उस समय बड़ा झटका लगा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना में से दो योजनाओं के कार्यान्वयन पर पटना उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी । मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश सुधीर सिंह की खंडपीठ ने बुधवार को पटना जिला मुखिया संघ सहित अन्य की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इन सात निश्चय योजनाओं में से दो योजनाओं हर घर नल-जल और पक्की गली-नाली योजना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।
साथ ही अदालत ने इसके लिए गठित वार्ड विकास समिति को भी रद्द करते हुए इस योजनाओं के कार्यान्वयन में खर्च की जाने वाली राशि खर्च पर भी प्रतिबंध लगा दिया। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि 14वें वित्त आयोग से मिली राशि को मुख्यमंत्री के सात निश्चिय योजना पर खर्च किया जा रहा था जिसमें इन दोनों योजनाओं पर 14वां वित्त आयोग से मिली राशि का 80 फीसदी खर्च किया जाना था। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब इन योजनाओं का पूरा अधिकार पंचायतों के पास चला जायेगा। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर की देखरेख में 7 निश्चय योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत इन लक्ष्यों को पूरा करने का संकल्प लिया गया था। सात निश्चय योजना में सड़कों को बनाने और ठीक करने के लिए 78,000 करोड़ का प्रावधान किया गया था। इस योजना के अंतर्गत गांव की सड़कों को ठीक से बनाया जाना था। लोकसभा के आदेश से केंद्र सरकार ने बिहार में 1548 सड़कों को बनाने का आदेश दिया है। योजना के अनुसार सभी घरों में बिजली और अबाधित बिजली की व्यवस्था लिए भी राशि दी गयी थी। इस योजना में बिहार सरकार ने अगले 5 साल में साफ पानी की पाइप लाइन बिछाने की योजना बनायी थी, जिससे की हर घर मे साफ पानी पहुंच सके। इसके अलावा बिहार सरकार ने 165 लाख रूपये गामीण और शहरी इलाकों में शौचालय निर्माण करने की भी योजना बनायी गयी थी। बजट में सरकार एक स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड बनाने की भी योजना थी, जिसमें विद्यार्थियों को पढाई के लिए 4 लाख तक का लोन देने का प्रावधान किया गया था।
बिहार सरकार ने 250 लाख रूपये संस्थान के लिए उपलब्ध कराये थे, जिससे राज्य के 38 जिलों में नये संस्थान खोलकर विद्यार्थियों को कंप्यूटर लैंग्वेज और स्किल डेवलपमेन्ट का प्रशिक्षण देने की योजना थी। सरकार ने इस योजना के लिए बजट में नर्सिंग कॉलेज से अलग 5 मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना थी। इसके साथ ही एक इंजीनियरिंग कॉलेज हर एक जिले में खोलने की योजना बनायी गयी थी। वहीं, मुख्यमंत्री के सात निश्चिय योजना के अन्तर्गत महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया गया था।