- सरकार को सौंपा 15 सूत्री मांगों का ज्ञापन, कहा- केंद्र व राज्य दोनों की मनमानी झेल रहे पंचायत जन प्रतिनििध
पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
पंचायती राज प्रतिनिधिगण के अधिकारों में लगातार कटौती, विकासात्मक कार्यों के निष्पादन में अनावश्यक हस्तक्षेप तथा पंचम व 14वीं वित्त में जिला परिषद / पंचायत समिति/ग्राम पंचायत की भागीदारी खत्म करने के प्रयास सहित 15 सूत्री माँगों को लेकर जिला परिषद अध्यक्षों व उपाध्यक्षों ने गुरुवार को पटना में एकदिवसीय धरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए प्रदेश जिला परिषद अध्यक्ष संघ सह अध्यक्ष जिला परिषद पूर्वी चम्पारण प्रियंका जायसवाल ने कहा कि चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में बापू के ग्राम स्वराज के सपना को साकार करने में राज्य व केन्द्र सरकार की पंचायती राज विरोधी सोच और अफसरशाही बाधक बन रही है।
कहा कि विधायक, विधान पार्षद की तर्ज पर प्रति वर्ष जिला पार्षद को 25 लाख, पंचायत समिति को 10 लाख तथा वार्ड सदस्य को 5 लाख रुपया विकासात्मक कार्य हेतु अनुशंसा का अधिकार दिया जाए। पंचायत प्रतिनधिगण के मानदेय को तीन गुणा बढ़ाया जाए, ताकि गरीब जन प्रतिनिधि को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि चुनाव हुए लगभग दस महीने हो चुके हैं। मगर राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधि को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की है।
धरना का संचालन नथुनी राम अध्यक्ष जिला परिषद रोहतास ने किया। धरना को मुख्य रूप से जिला परिषद अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार,उमा देवी,शीला मंडल, निर्मला कुमारी, रंजू देवी, अाफताब अजीम, गुड्डी कुमारी, क्रांति देवी, मंजू कुमारी, प्रभु साह, संगीता देवी, अरहुल देवी, मीना अरुण, प्रेमलता देवी, श्वेता भारती, सुनील सिंह , पिंकी कुमारी, अंजू कुमारी, सविता देवी, नथूनी राम, विश्वंभरनाथ सिंह, आभा रानी , नीतू सिंह, पुष्पा देवी
ने संबोधित करते हुए कहा की बिहार में ग्रामीण क्षेत्रों में विगत 10 माह से वाधित विकास कार्यों के लिए आमजन के साथ पंचायत प्रतिनिधि के आक्रोश का सामना ही नहीं खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।