बिहार
चारा घोटाला : लंबित मामले को नौ माह में निष्पादन के लिए सीबीआई निदेशक करें मानिटरिंग: सुमो
By Deshwani | Publish Date: 9/5/2017 3:35:34 PMपटना, (हि.स.)। बिहार विधान परिषद में विपक्ष के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप चारा घोटाला से संबंधित सभी लंबित मामलों का 9 माह में निष्पादन हेतु सीबीआई निदेशक से विशेष टीम गठित करने और खुद इसकी मानिटरिंग करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में लालू को राहत देने वाले झारखंड हाईकोर्ट के जज राकेश रंजन प्रसाद के विरुद्ध अत्यंत कठोर टिप्पणी के साथ सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल उठाया है ।
मोदी मंगलवार को यहां जनता दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जज राकेश रंजन प्रसाद फिलहाल मणिपुर हार्इ्कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। इसी वर्ष 30 जून को रिटायर होने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट का जज के संबंध में उनका नाम पर विचार करने समय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को संज्ञान में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीबीआई के निदेशक रणजीत सिन्हा का लालू प्रसाद से नजदीकी रहा है। इसी कारण उन्हें पटना में सीबीआई का डीआईजी रहते चारा घोटाला की जांच से अलग कर दिया गया था। रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद ने रणजीत सिन्हा को आरपीएफ का डीजी बनवाया था। सीबीआई का निदेशक बनवाने में भी लालू की खास भूमिका रही थी। लालू प्रसाद को व्यवस्था को प्रभावित करने की महारत हासिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चारा घोटाला की साजिश में लालू की संलिप्तता संबंधी आरोप पर भी अदालत को सुनवाई करने का निर्देश दिया है। झारखंड हाईकोर्ट ने एक मामले में साजिश संबंधी आरोप में लालू को सजा मिलने के आधार पर अन्य मामले में भी साजिश के आरोप से उन्हें बरी कर दिया था। इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने उलट दिया है। इसके आधार पर चार अलग-अलग मामले में निचली अदालत में नौ माह में साजिश संबंधी आरोपों की भी सुनवाई पूरी कर निष्पादित होना है।