पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर प्रेमी ने प्रेमिका का तीन साल तक यौन शोषण किया। जब लड़की ने शादी करने का दबाव बनाया तो शातिराना तरीके से उसकी जान ले ली। यहीं नहीं उसे आत्महत्या की शक्ल दे दी, मगर हत्यारे की एक गलती ने उसे पुलिस पकड़ में ला दिया। पुलिस जांच के दौरान हत्या के आरोपित गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के यारपुर के रहने वाले रविशंकर अकेला को शनिवार को रेल पुलिस ने दबोच लिया।
एक माह पहले ही तैयार कर लिया था मर्डर प्लान
रविशंकर मनोरमा की हत्या की योजना भी एक माह पहले ही बना चुका था। उसने पहले युवती के नाम से ढाई लाख का बीमा कराया और उसका नॉमिनी स्वयं बन गया।
मनोरमा को रविशंकर पत्नी की रखता था। वह पहले से ही शादीशुदा और उसे बच्चे भी हैं। मनोरमा से उसने नौकरी के नाम पर दाउदनगर के मकान को भी बेचवा दिया था और साढ़े दस लाख रुपये ठग लिए थे।
लडडू में नशीली दवा मिला िखलाया, हो गई बेहोश तो पटरी पर लिटाया
रविशंकर ने पुलिस का बताया कि 10 मार्च को उसने मनोरमा के नाम से पटना से धनबाद का स्लीपर में प्रतीक्षा सूची का टिकट कटाया था। 10 की रात में को उसने शादी के नाम पर पहले मनोरमा को नशीली दवा मिला लड्डू खिलाया। उसके बाद उसे पैदल ही सिपारा की ओर रेलवे ट्रैक की ओर ले गया।इसके बाद उसने पीछे से ट्रेन आते देख बेसुध मनोरमा को ट्रैक पर लिटा दिया और झाड़ी में छिप गया। उसकी आंखों के सामने ही मनोरमा ट्रेन से कटकर मर गई।
फोन कॉल ने भी दिया हत्यारे का सुराग
दूसरे दिन 11 मार्च को स्टेशन प्रबंधक ने जीआरपी को रेलवे ट्रैक पर शव पड़ा होने की सूचना दी। पुलिस ने शव को बरामद कर यूडी केस दर्ज कर लिया। अब रवि बीमा की राशि हड़पना चाह रहा था। पहले तो उसने खुद ही कल्याण विभाग का अधिकारी बन धनबाद में मनोरमा की बहन को फोन कर पूछा कि वह धनबाद पहुंची या नहीं?
फिर मनोरमा के पिता जनेश्वर भगत के नाम से रेल एसपी के पास पत्र भेजकर मनोरमा के धनबाद आने के क्रम में ट्रेन से गायब की होने की सूचना दी। पुलिस पर कई स्रोत से अनुसंधान का दबाव बनाने लगा।
रेल पुलिस ने अनुसंधान की बदली दिशा तो खुला राज
रेल पुलिस ने मनोरमा मामले को आत्महत्या मान इसकी फाइल को बंद करने जा रही थी, लेकिन रविशंकर ने बीमा की राशि को हड़पने के लिए उसने पुलिसिया जांच में तेजी करने का दबाव भी बनाया। रेल पुलिस ने जब तकनीकी रूप से अनुसंधान शुरू किया तो सच सामने आ गया और उसे दबोच लिया। उसके घर से 20 अलग-अलग बैंकों की पासबुक, 11 एटीएम, 25 चेकबुक समेत कई सामान पत्र व अन्य सामान बरामद किए गए। एसपी रेल जितेन्द्र मिश्र ने बताया कि गिरफ्तार युवक काफी शातिर है।
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में उसने बताया कि वह रुपसपुर थाना क्षेत्र में एक व्यापारी से तीन करोड़ की रंगदारी मांगी थी।
रेलवे के वरिष्ठ कर्मी का है पुत्र
इस मामले में रुपसपुर थाने में मामला भी दर्ज किया गया है। रेल एसपी ने डीएसपी हरीश शर्मा के नेतृत्व में एक टीम गठित कर इस मामले का अनुसंधान करने का दायित्व सौंप दिया। अनुसंधान के क्रम में पता चला कि मनोरमा की सबसे अधिक बातचीत रविशंकर, प्रवीण राज एवं ईश्वरचंद्र से हुई। पुलिस ने पहले रवि को दबोचा। पूछताछ और जांच में साफ हुआ कि रविशंकर प्रवीण व ईश्वर नाम से अपने काले कारनामों को अंजाम देता था। वह गया जिले के खिजरसराय थाना क्षेत्र के पुरान गांव का निवासी है। उसके पिता बरौनी रेलवे में वरिष्ठ कर्मचारी हैं।