बिहार
दूसरे दिन ‘रोड टू संगम’ और ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ का प्रदर्शन
By Deshwani | Publish Date: 26/4/2017 7:18:54 PM पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017-18 के अवसर पर पटना के अधिवेशन भवन में आज दूसरे दिन ‘रोड टू संगम’ और ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ फिल्म दिखाई गई। गौरतलब है कि कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अतंर्गत बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन पटना के अधिवेशन भवन में 25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक किया जा रहा है। इस अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव श्री आंनद कुमार ने कहा कि गांधी जी आज भी हमारे बीच प्रासंगिक है। आज जरूरत है गांधी जी के विचारों को नए पीढ़ी के बीच पहुंचाने का। इसी क्रम में चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष 2017-18 पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से गांधी पैनोरमा फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया है।
वहीं, आज दिखाई गई पहली फिल्म ‘रोड टू संगम’ थी। इस फिल्म में एक मुस्लिम मिस्त्री को उस कार की मरम्मत करनी है, जिसमें कभी महात्मा गांधी की अस्थियां रखी थी। अमित राय के निर्देशन में साल 2010 में बनी यह फिल्म एक मुस्लिम मैकेनिक की जिंदगी पर बनी है, जिसे फोर्ड कंपनी की इंजन कार को मरम्मत करने की जिम्मेदारी दी गई। मगर उसे नहीं पता था कि इसी गाड़ी में महात्मा गांधी की अस्थियां त्रिवेणी संगम में ले जाकर प्रवाह किया गया था। इसी समय हड़ताल होती है और वह असमंजस में पड़ जाता है। इस फिल्म में मशहूर अभिनेता परेश रावल और ओमपुरी का बेजोड़ अभिनय देखने को मिलता है।
आज की दूसरी फिल्म ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ थी। इस फिल्म में एक ऐसे इंसान की मनोस्थिति को दिखाने की कोशिश की गई, जहां एक व्यक्ति को यह वहम हो जाता है कि उसने ही गांधी जी को मारा। साल 2005 में अनुपम खेर निर्मित व अभिनीत इस फिल्म को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत निर्देशक जहानु बरूआ ने बनाया था। फिल्म में पिता की बीमारी और बेटी के प्यार, समझदारी और पिता के इलाज को लेकर बेटी की प्रतिबद्धता की कहानी दिखाई गई है, जो अनेकों समस्याओं से जूझती है। इस दौरान तारानंद वियोगी, सत्यप्रकाश मिश्रा, संजय कुमार सिंह, देवेंद्र खंडेलवाल, विनोद अनुपम, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा आदि लोग उपस्थित थे।