पटना| रांची एक्सप्रेस के सम्पादक और जाने माने पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त ने पत्रकारिता के क्षेत्र की समस्याओं की चर्चा करते हुए मंगलवार को कहा कि बाजारवाद की वजह से अब सम्पादक मुक्त पत्रकारिता का खतरनाक दौर जारी है जिसमें पत्रकारों तथा सम्पादकों को अपना स्वाभिमान बनाये रखने के लिए उनकी एकता आवश्यक है |
विश्व संवाद केंद्र की ओर से आयोजित अपने अभिनंदन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के लिए लिखने वाले पत्रकार आज अपनी बिरादरी से जुड़ी समस्या के बारे में संगठित नहीं रहने के कारण कुछ नहीं कर पाते | उन्होंने कहा कि आपसी एकता रहने पर दुनिया के किसी भी अखबार के मालिक और प्रबंधन पत्रकारों के साथ गलत नहीं कर पायेंगे |
पत्रकारिता में टिके रहने के लिए अपना आतंरिक बल बनाये रखने की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि अखबार के सम्पादकों का मान-सम्मान आज घट गया है और अखबार मालिक उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं |
दत्त ने कहा कि सम्पादकीय पेज का महत्व कम होता जा रहा है और सम्पादकीय भी अब टीवी सीरियल की तरह, कई अखबारों में सोमवार से शुक्रवार तक छपने लगा है | बदलती परिस्थितियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे देश के कई समाचार पत्रों में सम्पादकीय छपना अब बंद हो चुका है|
सरकारी विज्ञापनों के चंगुल में फंसे समाचार पत्रों की स्थिति से दुखी दत्त ने कहा कि सरकारी विज्ञापनों का महत्व कम होने पर ही अखबारों में सम्पादकों की स्थिति में सुधार होगा | उन्होंने पत्रकारों को अध्ययन करने की सलाह दते हुए कहा कि पत्रकारिता के प्रति जुनून और जज्बे से ही एक सफल पत्रकार तैयार हो सकता है | उन्होंने गूगल पर निर्भरता से बचने की पत्रकारों से अपील करते हुए कहा कि आने वाले समय में प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में स्किल्ड पत्रकारों की मांगत बढ़ेगी और साथ ही मीडिया का भविष्य उज्जवल होगा|
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में आचार्य श्रीरंजन सूरिदेव ने कहा कि पत्रकारिता एक आसान विधा नहीं है और इसकी भाषा की अपनी एक अलग मांग है | उन्होंने कहा कि एक पत्रकार को भाषा का पंडित होना आवश्यक है। प्राचीन काल से अब तक पत्रकारिता में बहुत से आयाम आये हैं और पत्रकारिता जगत ने भी ढेरों उल्ट- पुलट देखा है 1 आज स्थिति ऐसी है कि अच्छी बातों को भी , यदि निति के विरुद्ध हो तो अखबार मालिक उसे समाचार पत्र में स्थान नहीं देते।
बैलेंस पत्रकारिता और सम्पादकीय के लिए विख्यात बलबीर दत्त को मिले पद्मश्री समान से सम्मानित किये जाने के लिए उन्हें बधाई देते हुए सूरिदेव ने कहा कि बलबीर दत्त पत्रकारिता के शिरोमणि रहे हैं और उन्होंने इसका गौरव बढ़ाया है|
इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष श्रीप्रकाश नारायण सिंह उर्फ़ छोटे बाबू ने कहा कि बलबीर दत्त ने ऐसे कठिन दौर में निष्पक्ष रूप से पत्रकारिता की है जब किसी एक विचारधारा विशेष के साथ रहने वालों को ही बुद्धिजीवी माना जाता था 1 उन्होंने पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए पत्रकारिता में सकारात्मक बदलाव पर बल दिया।