ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
बिहार
नक्सली हमले में शहीद अभय था परिवार का एकमात्र सहारा
By Deshwani | Publish Date: 25/4/2017 1:08:33 PM
नक्सली हमले में शहीद अभय था परिवार का एकमात्र सहारा

पटना/आरा (भोजपुर)। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में भोजपुर के जगदीशपुर थाना के तुलसी गांव निवासी गजेंद्र मिश्रा के पुत्र अभय मिश्रा के शहीद होने खबर सुनते ही पूरा गांव गमगीन हो गया। पूरे परिवार में एक अभय ही सहारा था, जिसकी मौत से परिजनों पर पहाड़ टूट पड़ा है। आज शाम में शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुँचेगा।

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए बिहार के शहीद हुए 6 जवानों में भोजपुर का लाल भी शामिल है। भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड के तुलसी हरिगांव निवासी गजेंद्र मिश्रा के बड़े पुत्र अभय मिश्रा छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार दोपहर हुए नक्सली हमले में शहीद हो गए। अभय को मुठभेड़ के दौरान डेढ़ माह पहले भी जांघ में गोली लगी थी। उन्हें रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छह टांके उन्हें पड़े थे। तब भी उन्हें घर आने की छुट्टी नहीं मिली थी, जिससे परिजनों में आक्रोश था। यह बात शहीद के छोटे भाई अमित मिश्रा बताते हुए फफक कर रो पड़ते हैं। कहते हैं कि अक्सर नेटवर्क खराब रहने के कारण 20-25 दिन पर बात होती थी।
अभय के शहीद होने के बाद पूरा परिवार टूट चुका है। कारण यह है कि अभय ही परिवार का एकलौता कमाऊ पूत था। अभय की दादी रामेश्वरी कुंअर फूट-फूट कर यह कहती हुई बिलख रही थीं कि अब परिवार कैसे चलेगा? छोटका के पढ़ाई के पैसा के दिही.. कह-कह कर बोलती -तहरा बिना कवनो सहरा नइखे हो बबुआ।
दरअसल अभय के पिता चार भाइयों में सबसे बड़े हैं और खेती-किसानी करते हैं। अभय दो भाइयों में सबसे बड़ा था। परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। अभय का भाई अमित एसबी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष का छात्र है। उसकी पढ़ाई की खर्च अभय ही उठाते थे।अभय के भाई अमित मिश्रा कहते हैं कि हम लोग चाहते हैं कि सरकार हमारे गांव में भैया के नाम से स्मारक बनवा दें। वे बताते हैं कि भैया छह माह पर आते थे बीस दिन बिताये थे तो बताते थे कि हम लोगों का जीवन नक्सली को लेकर खतरे में रहता है।
 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS