पटना। बिहार में सभी बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए अब एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होगा। इसके लिए कुलपतियों और विशेषज्ञों की एक टीम बनेगी. रोटेशन के आधार पर हर विश्वविद्यालय बीएड एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन करेंगे। इसका निर्णय मंगलवार को राजभवन में सभी कुलपतियों की बैठक में लिया गया। कुलाधिपति सह राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि बीएड प्रवेश परीक्षा में ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जायेंगे और इसमें सफल छात्र-छात्राओं का ही राज्य के बीएड पाठ्यक्रम से जुड़े सभी अंगीभूत व एफलिएटेड शिक्षण संस्थानों की निर्धारित सीटों पर नामांकन हो सकेगा।
इसके लिए कुलपतियों और विशेषज्ञों की समिति आवश्यक सुझाव भी देगी. बैठक में 31 मार्च तक विश्वविद्यालय परिसरों, स्नातकोत्तर विभागों के अलावा कॉलेज स्तर तक बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने और इसी के जरिये अप्रैल से शिक्षकों व कर्मचारियों की हाजिरी बनाने का निर्देश दिया गया। साथ ही इन जगहों पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाने पर विचार हुआ।
कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने विवि-कॉलेजों में शिक्षकों की अनियमित अनुपस्थिति के खिलाफ भी विश्वविद्यालयों की ओर से की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। कुलाधिपति ने राज्य के एफलिएटेड कॉलेजों, बीएड संस्थानों और सेल्फ फिनांस्ड कोर्स के शिक्षकों को किसी भी प्रकार के वेतन या मानदेय का भुगतान ‘आधार’ से लिंक बैंक खातों के जरिये ही करने का निर्देश दिया. उन्होंने विश्वविद्यालयों इन निर्देशों का सख्ती से पालन करने को भी कहा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में ‘एकेडमिक कैलेंडर’ तैयार कर उसका अनुपालन कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विश्वविद्यालयों के क्रियाकलापों में पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता विकास पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। बैठक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि विवि-कॉलेजों में गर्ल्स कॉमन रूम, शौचालय-निर्माण, परीक्षा-भवन निर्माण के लिए आवंटन दिया जायेगा।
साथ ही पीने के पानी के लिए आरओ वाटर प्यूरीफायर की भी मशीन लगायी जायेगी। वहीं, विश्वविद्यालयों में हर सप्ताह विभागाध्यक्ष व प्राचार्य के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान के निरीक्षण के लिए एक सर्वे दल शिक्षण संस्थानों का दौरा करेगा और वहां सफाई और सौंदर्यीकरण अभियान को पूरा करायेंगे। विश्वविद्यालयों में अनुकंपा पर नियुक्तियों के लिए आवश्यक कार्रवाई करने और संविदा नियुक्तियों में भी आरक्षण नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया. कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों व शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि मार्च, 2018 तक सेवानिवृत्त होनेवाले सभी शिक्षकों व कर्मियों के वेतन व पेंशन से संबंधित सभी भुगतान भी ससमय सुनिश्चित होने चाहिए। बैठक में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन, राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा सहित सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, वित्तीय सलाहकार, राज्यपाल सचिवालय व शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी मौजूद थे।
विवि-कॉलेजों में स्टेशरी व अन्य सामग्री की खरीदारी जेम (जीइएम) प्रणाली से होगी. इसके लिए हर विश्वविद्यालयों में तीन-तीन व्यक्तियों को प्रशिक्षित कर ‘मास्टर ट्रेनर’ बनाया जायेगा, जो कॉलेजों में भी इसकी खरीदारी करने के लिए अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। बैठक में विश्वविद्यालयों में गठित ‘रिड्रेशल सेल’ को मजबूत करने और विभिन्न वादों के निष्पादन में सुविधा के लिए उनकी मॉनीटरिंग करने के लिए केंद्रीकृत व्यवस्था विकसित करने के लिए भी राज्यपाल सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) को निर्देश दिया गया।
विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराने की डेडलाइन एक बार फिर बढ़ गयी है. कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने 15 जनवरी के बाद फरवरी अंत तक की डेडलाइन को फिर से बढ़ाते हुए विवि को 31 मार्च तक का समय दिया है। इस तिथि तक विवि यह चुनाव अनिवार्य रूप से करा लें।
सभी विश्वविद्यालयों से उपयोगिता प्रमाणपत्र भी मांगे गये हैं. इसको लेकर राजभवन में पांच मार्च को वित्तीय सलाहकारों व कुलसचिवों की बैठक होगी। इसमें शिक्षा विभाग के भी अधिकारी शामिल होंगे। इसमें पिछले वित्तीय वर्षों में सरकार की ओर से आवंटित की गयी राशि से संबंधित उपयोगिता प्रमाणपत्र भी पेश किया जायेगा। साथ ही ‘सातवें वेतनमान’ के कार्यान्वयन, प्रोन्नति, सेवांत लाभ से संबंधित दी गयी राशि की रिपोर्ट भी मांगी गयी है।