पटना
पिछड़ा, अति पिछड़ा व महिला विरोधी रुख छोड़ें राजद-कांग्रेस : राजीव रंजन
By Deshwani | Publish Date: 9/1/2018 6:08:16 PMपटना (हि.स.)। राजद-कांग्रेस को पिछड़ा/अति पिछड़ा तथा महिला विरोधी करार देते हुए भाजपा प्रवक्ता राजीव रंजन ने दोनों दलों को निशाने पर लिया है।
उन्होंने मंगलवार को यहां कहा कि राजद-कांग्रेस दोनों दल आज दोमुही राजनीति पर उतर आये हैं । दोनों दल खुद को पिछड़े/अति पिछड़े तथा अल्पसंख्यकों का सबसे बड़ा हितैषी बताते हैं, लेकिन तथ्यों को देखें तो हकीकत इसके साफ़ उलट नजर आती है। पिछड़ा/अति पिछड़ा समुदाय की बात करें तो 1955 से ही इस समुदाय के लोगों की यह मांग रही है कि एसी/एसटी आयोग की तर्ज पर पिछड़ा/अतिपिछड़ा आयोग का भी गठन हो, जिससे एससी/एसटी समुदाय के लोग भी समुचित लाभ लेकर देश के विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें। लेकिन इस महत्वपूर्ण विषय को कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने आज तक लटकाए रखा है। आज भाजपा के लाख प्रयास करने के बावजूद कांग्रेस और उसके सहयोगी दल छोटे-छोटे तकनीकी चीजों को लेकर पिछड़ा/अति पिछड़ा आयोग के गठन में अड़ंगा लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछड़ा/अति पिछड़ा आयोग में सालाना 50 से 55 हजार शिकायतें आती हैं, लेकिन आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त न होने के कारण उनमे से 1 फीसदी शिकायतों का निपटारा भी नहीं हो पाता, जिसके कारण इस समुदाय के लोग मायूस हो लौट जाते हैं। कांग्रेस-राजद जवाब दे कि इस समाज की क्या गलती है, जिसकी वजह से दोनों दल इस बिल को लटका रहे हैं।
दोनों दलों को महिला विरोधी बताते हुए रंजन ने कहा जिस काम से देश और समाज का भला हो, उसमें अड़ंगा डालने की कांग्रेस-राजद में एक पुरानी परिपाटी है। अपनी इसी नीति पर चलते हुए तीन तलाक के मुद्दे पर इन दोनों दलों का रवैया पूरे देश ने देखा है । राजद जहां शुरुआत से ही महिलाओं के हित को दरकिनार कर इस मुद्दे पर कट्टरपंथियों के आगे झुकी नजर आयी है, वहीं कांग्रेस ने लोकसभा में दिखावे के लिए इस बिल का समर्थन तो किया, लेकिन राज्यसभा में अपने संख्याबल का फायदा उठाते हुए इस बिल को रोक दिया।