पटना
बिहार से न्यायपालिका में आरक्षण के लिए न्यायिक सेवा आयोग के गठन की मांग ने पकड़ा जोर
By Deshwani | Publish Date: 6/1/2018 4:12:34 PMपटना (हि.स.)। बिहार से न्यायपालिका में आरक्षण लागू करने की अब जोर पकड़ने लगी है। राजद उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी की तरह शनिवार को जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व मंत्री सह विधायक श्याम रजक ने केंद्र सरकार से मांग की है कि अविलंब जजों की नियुक्ति हेतु न्यायिक सेवा आयोग का गठन के साथ न्यायपालिका में आरक्षण लागू करे। उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निचले स्तर पर पिछड़े—अति पिछड़े वर्गों के लिए भी आरक्षण लागू किये जाने की ऐतिहासिक पहल की है। इसी तरह अन्य सभी राज्यों में लागू होना चाहिए।
रजक ने कहा कि वर्तमान: देश के विभिन्न अदालतों में लगभग पौने तीन करोड़ केस लंबित है जिसके कारण विशेषकर दलित-पिछड़ों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता है। देश भर में दलितों पिछड़ों के साथ षडयंत्र कर उन्हें प्रताड़ित करने हेतु गलत मुकदमें में फंसा दिया जाता है और उचित समय पर न्याय न मिलनें के कारण दर-दर भटकना पड़ता है जिसके कारण वे सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं और उनके आश्रितों का शैक्षणिक विकास भी नहीं हो पाता है।
रजक ने बताया कि अभी देशभर में लगभग 6 हज़ार 3 सौ 79 जजों की संख्या रिक्त है। 9 उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीश नहीं हैं। सर्वोच्च न्यायालयों में भी इसी वर्ष 7 न्यायाधीशों के स्थान रिक्त हो रहे हैं जिससे न्याय मिलने में और विलम्ब होगा।
उन्होंने सभी राजनैतिक दलों को साफ शब्दों में न्यायपालिका में आरक्षण के समर्थन या विरोध पर स्पष्ट व्यक्तव्य की मांग की है।
साथ ही उन्होंने सभी राजनैतिक दल के नेताओं से मांग की है कि तत्काल न्यायिक सेवा आयोग का गठन व न्यायपालिका में आरक्षण हेतु केंद सरकार पर दवाब दें, ताकि वर्षों से लंबित दलित-पिछड़ों की मांग पूरी हो सके तथा बाबा साहेब अम्बेडकर के सपनों को साकार किया जा सके।