पटना ( हि स )। करोड़ों रूपये के चारा घोटाला के एक मामले में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सीबीआई कोर्ट से सुनाई जाने वाली सजा के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानन्द तिवारी ने आरोप लगाया कि बिहार में शायद ही कोई ऐसा नेता है जिसने चारा का पैसा नहीं खाया हो।
एक जमाने में बिहार के मुख्यमन्त्री नीतीश कुमार के करीबी , शिवानन्द तिवारी ने कुछ संवाददाताओं के साथ बात चीत करते हुए गुरुवार को यहाँ कहा कि 80 और 90 के दशक के दौर में शायद ही कोई नेता था जिनके पास चारा घोटाला का पैसा नहीं जाता था। उन्होंने कहा कि फर्क यह है कि लालू यादव इसमें फंस गए और जेल गए जबकि दूसरे नेता चालाकी से बच निकले । पशुपालन विभाग को राजनेताओं का “ब्रेड एंड बटर” बताते हुए उन्होंने कहा कि लालू यादव को छोड़ कर इसमें शामिल दूसरे नेताओं ने इसका खूब इस्तेमाल किया।
पटना उच्च न्यायलय में लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाला में याचिका दायर करने वाले शिवानन्द तिवारी ने इसे अपनी भूल मानते हुए कहा कि उन्होंने वरिष्ठ नेता जॉर्ज फर्नांडिस के कहने पर याचिका पर साइन किया था। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को याचिका पर दस्तखत करना था पर ऐन समय में वे कहीं निकल लिए जिसकी वजह से पटना आ कर उन्हें याचिका पर दस्तखत करना पड़ा।
व्यक्तिगत रूप से लालू यादव को नीतीश कुमार की तुलना में एक अच्छा इंसान बताते हुए श्री तिवारी ने कहा लालू यादव एक ऐसे नेता हैं जो किसी के प्रति दिल में मलाल नहीं रखते। उन्हीं के खिलाफ याचिका पर साइन करने के बावजूद श्री यादव ने उन्हें राजद में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया।
नीतीश कुमार पर लोगों को इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए श्री तिवारी ने कहा कि राजगीर में उनके मनोनुकूल भाषण नहीं देने के कारण उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। शिवानन्द तिवारी ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार के बिहार का मुख्यमंत्री बनने में अहम भूमिका निभाई थी।
लालू यादव को सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नेता बताते हुए श्री तिवारी ने कहा कि समाज में समानता लाने के लिए लालू यादव् की पहल के कारण ही नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बने।