ब्रेकिंग न्यूज़
पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाटबिहार:10 जोड़ी ट्रेनें 25 फरवरी तक रद्द,नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर रेलखंड की ट्रेनें रहेंगी प्रभावितप्रधानमंत्री ने मिजोरम के निवासियों को राज्‍य के स्‍थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी
राष्ट्रीय
प्रधानमंत्री शनिवार को करेंगे मिजोरम में जलविद्युत परियोजना का लोकार्पण
By Deshwani | Publish Date: 15/12/2017 6:34:55 PM
प्रधानमंत्री शनिवार को करेंगे मिजोरम में जलविद्युत परियोजना का लोकार्पण

नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को मिजोरम में 60 मेगावॉट की ट्यूरिअल जलविद्युत परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री इस अवसर पर “माईडोनर एप” का भी शुभारंभ करेंगे और आईजोल में आयोजित एक कार्यक्रम में स्टार्टअप उद्यमियों को चेक वितरित करेंगे।


ट्युरिअल जलविद्युत परियोजना का निर्माण केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में किया गया है। इसका क्रियान्यवन विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत पूर्वोत्तर इलेक्ट्रिक पॉवर कार्पोरेशन(निपको) द्वारा किया गया है। आर्थिक मामलों पर मंत्रीमंडलीय समिति(सीसीईए) ने जुलाई 1998 में परियोजना के क्रियान्यवन को अनुमति प्रदान की थी और जुलाई 2006 में इसके पूरा होने का समय निर्धारित किया था। जून, 2004 में परियोजना का तीस प्रतिशत कार्य पूरा होने के बाद स्थानीय आंदोलन के कारण काम को पूर्ण रूप से रोकना पड़ा। निपको के सतत प्रयास और विद्युत तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, केंद्र और मिजोरम सरकार के सक्रिय सहयोग से जनवरी, 2011 में परियोजना में फिर से काम की शुरूआत हुई।


इस परियोजना का क्रियान्वयन निपको द्वारा किया गया। इसमें भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड द्वारा ऊर्जा उपकरणों की आपूर्ति और स्थापना,मैसर्स पटेल इंजीनियरिंग द्वारा प्रमुख भूमि कार्य और मैसर्स सो-पीईएस- ट्युरिअल कंसोर्टियम द्वारा जल-यांत्रिकी कार्य किया गया। परियोजना का निर्माण 1302 करोड़ रूपए की लागत से किया गया है।


यह परियोजना मिजोरम में स्थापित सबसे बड़ी परियोजना है और इससे उत्पादित बिजली राज्य को दी जाएगी। इससे राज्य का संपूर्ण विकास और केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी और प्रमुख कार्यक्रम “सभी को सातों दिन चौबीसों घंटे किफायती स्वच्छ ऊर्जा” के लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकेगा।


राज्य में बिजली की मौजूदा मांग केवल 87 मेगावाट है और इसकी पूर्ति राज्य की लघु बिजली परियोजनाओं और केन्द्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं में उसके अपने हिस्से की बिजली की उपलब्धता के जरिए हो रही है। परियोजना से अतिरिक्त 60 मेगावाट बिजली प्राप्‍त होने के साथ ही मिजोरम राज्य अब सिक्किम और त्रिपुरा के बाद पूर्वोत्‍तर भारत का तीसरा विद्युत-अधिशेष राज्य बन जाएगा।

 

image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS