पटना/रोहतास,(हि.स.)। बिहार में भी नीतीश सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई तेज कर दी है । इसी कड़ी में रोहतास जिले के सात अवैध बूचड़खानों को सील कर दिया गया है। पटना उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि रोहतास में सभी अवैध बूचड़खानों को छह हफ्तों के भीतर बंद कर दिया जाए। 31 मार्च तक लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के कारण रोहतास के बिक्रमगंज में जिला प्रशासन ने सात बूचड़खाने को सील कर दिया है ।
गौरतलब हो कि पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने चार दिन पूर्व विधानसभा में कहा था कि राज्य में अवैध बूचड़खाने बंद होंगे। रोहतास में की गई कार्रवाई राज्य अवैध बूचड़खाने वालों के लिए सरकार का एक संकेत है । विभाग ने इसके लिए सभी जिलाधिकारी को सर्वेक्षण करने का आदेश जारी किया है ।
बिहार में भाजपा नेताओं ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाते हुए ना केवल अवैध बूचड़खानों को बंद करने की मांग उठाई थी बल्कि उन बूचड़खानों को जिनको लाइसेंस जारी किया है, उनके लाइसेंस को भी रद्द करने की बात कही थी।
इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में उठाते हुए प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार सरकार ने जल्द से जल्द अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की और उन्हें बंद नहीं किया तो इसको लेकर भाजपा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी।
उत्तर प्रदेश के बाद कई राज्यों में अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है। झारखंड में अवैध बूचड़खानों को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था। हरियाणा के गुड़गांव में शिवसेना ने मीट और चिकन की 500 दुकानों को बंद करा दिया। इनमें मल्टीनेशनल फूड चेन केएफसी भी शामिल है। शिवसेना ने नवरात्र में मीट न बिकने देने की बात कही। जयपुर नगर निगम ने भी सभी को आदेश दिया कि एक अप्रैल से उन सभी स्लॉटर हाउस और मीट की दुकानों को बंद किया जाएगा, जिनके पास लाइसेंस नहीं है। लेकिन दुकानदारों का कहना है कि उनको ना तो लाइसेंस दिया जा रहा है और ना ही लाइसेंस को रिन्यू किया जा रहा है।