बिहार
जनता के आंगन में आसमान से पैसों की बारिश होती है:सुशील मोदी
By Deshwani | Publish Date: 1/4/2017 5:31:42 PMप्रतीकात्मक फोटोः बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी
पटना, (हि.स.)। बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने बिजली की दर में बढ़ोत्तरी पर मुख्यमंत्री द्वारा इसे सही ठहराये जाने का विरोध किया है । भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी, अगर सरकार के लिए पैसा आसमान से नहीं आता है तो क्या बिजली कम्पनियों के घाटे की भरपाई के लिए जनता के आंगन में आसमान से पैसों की बारिश होती है ? 12 साल से आपके लगातार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद बिजली कम्पनियों के वितरण व संचरण का घाटा आज भी 40 प्रतिशत क्यों है ? बिजली कम्पनियों के भ्रष्टाचार व निकम्मेपन को सुधारने के बजाय सरकार बिजली की दर में 28 से 42 प्रतिशत तक वृद्धि कर जनता पर बोझ डाल रही है ।
भाजपा नेता श्री मोदी ने कहा कि अगर एनटीपीसी की बिजली मंहगी है तो खुले बाजार में मिल रही सस्ती बिजली को खरीद कर सरकार आपूर्ति क्यों नहीं करती है ? पूरे देश में बिजली की एक दर की बात करने वाले मुख्यमंत्री बतायें कि जब वे रेलमंत्री थे तो क्या दिल्ली व मुम्बई का किराया एक कर दिया था? लम्बे समय तक केन्द्र की सरकार में रहने के दौरान बिजली की दर एक समान क्यों नहीं करवा दिया था ?
भाजपा नेता ने कहा कि केन्द्रीय योजनाओं में राज्यांश बढ़ाने से चिन्तित मुख्यमंत्री बतायें कि क्या पिछले साल केन्द्रीय करों में हिस्से के रूप में पंचायतों व नगर निकायों को तीन गुना और बिहार को 57 हजार करोड़ रुपये नहीं मिला जो पहले की तुलना में 15 हजार करोड़ ज्यादा है। प्रधानमंत्री के घोषित बिहार पैकेज की राशि से एक-एक कर योजनाएं क्रियान्वित हो रही है मगर राज्य सरकार बिक्रमशिला विश्वविद्यालय, एक और एम्स, महात्मा गांधी विश्वविद्यालय आदि के लिए आज तक जमीन क्यों नहीं उपलब्ध करा पाई है? उन्होंने कहा कि दरअसल राज्य सरकार बिजली कम्पनियों को तो घाटे से उबार नहीं पा रही है तो उसकी भरपाई के लिए बिहार की गरीब जनता पर बोझ डाल कर कुतर्कों से अपना फेस सेविंग कर रही है।