बिहार
आचार समिति करेगी विधान पार्षद लाल बाबू के आचरण की जांच
By Deshwani | Publish Date: 31/3/2017 4:45:04 PMप्रतीकात्मक फोटोः बिहार विधान परिषद के भाजपा सदस्य लालबाबू प्रसाद
पटना, (हि.स.)। बिहार विधान परिषद के भाजपा सदस्य लालबाबू प्रसाद के अशोभनीय आचरण को लेकर परिषद की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। विधान परिषद की लोजपा सदस्य नूतन सिंह के साथ लाल बाबू प्रसाद के कथित अशोभनीय आचरण की जांच परिषद की छह सदस्यीय आचार समिति को कल सौंपा जायेगा। इस समिति के पूर्व मंत्री एवं पूर्व महाधिवक्ता प्रशांत कुमार शाही अध्यक्ष हैं।
परिषद सभापति अवधेश नारायण सिंह इस प्रकरण की जांच आचार समिति को सौंपने और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने की घोषणा करेंगे। उन्होंने इस प्रकरण को काफी गंभीरता से लिया है। उन्होंने सदन में जोर देकर कहा कि वे अपना कार्यकाल को कंलकित नहीं होने देंगे। मालूम हो कि उनका मौजूदा कार्यकाल इसी वर्ष 8 मई को पूरा होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सभापति के मधुर संबंधों के कारण फिर अवधेश नारायण सिंह को सभापति बनाने के अभी से कयास लग रहे हैं।
सत्ता के गलियारे में गुरुवार को नूतन सिंह के पति भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू द्वारा लाल बाबू की धुनाई की चर्चा गर्म रही। दोनों सदनों में विशेष रूप से राजद के सदस्यों ने लाल बाबू प्रसाद को निशाने पर लिया। शोरशराबे के बीच लाल बाबू प्रसाद के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई करने और उनकी सदस्यता समाप्त करने की भी मांग गूंजी।
विधान परिषद सभापति के कक्ष में संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार और जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने गूप्त-गू किया। परिषद की आचार समिति के पीकेशाही अध्यक्ष और डा. रामवचन राय,केदारनाथ पांडेय,दिलीप कुमार चौधरी,विनोद नारायण झा और रणवीर नंदन सदस्य हैं। समिति को जांच का जिम्मा मिलने के बाद लाल बाबू से उनका पक्ष लिखित मांगने के साथ बैठक में भी बुलाया सकता है। अंतत: आचार समिति की सिफारिश रिपोर्ट सदन में पेश होने के बाद ही लालू प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।