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यूडीएए का अध्‍ययन समाज और सरकार के लिए उपयोगी: मंत्री
By Deshwani | Publish Date: 21/11/2017 7:19:54 PM
यूडीएए का अध्‍ययन समाज और सरकार के लिए उपयोगी: मंत्री

- किशोरों की स्थिति के बारे में यूडीएए रिपोर्ट जारी

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


बिहार में किशोरों की स्थिति के बारे में एक स्वतंत्र अध्ययन मंगलवार को शिक्षा मंत्री केएनप्रसाद वर्मा, स्वास्थ्य मंत्री, मंगल पांडे व सामाजिक समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा द्वारा जारी किया गया। बिहार और उत्तर प्रदेश में Understanding the Lives of Adolescents and Young Adults (UDAYA)  के तहत यूडीएए अध्ययन पहला पहला अभ्यास है, जो कि किशोरों के जीवन, जैसे शिक्षा, रोजगार, एजेंसी, सामुदायिक जीवन, नागरिकता,स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक समावेश के कई पहलुओं को समाहित करते हैं। अध्ययन के निष्कर्ष राज्य के 36 जिलों के 10,433 किशोरों के साक्षात्कार पर आधारित हैं। इस मौके पर शिक्षा मंत्री के.एन. प्रसाद वर्मा ने कहा, "मैं इस तथ्य के प्रति जागरूक हूं कि हमें न सिर्फ संख्याओं में सुधार करने के तरीकों की खोज की ज़रूरत है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की भी जरूरत है। इसके लिए हमारी सामूहिक जिम्‍मेवारी बनती है कि हम सोचें कि इन किशोरों की सहायता कैसे कर सकते हैं। हमें संगठनों के समर्थन की आवश्यकता है, जैसे जनसंख्या परिषद, हमारी शिक्षा प्रणाली और हमारे शिक्षा कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए इसकी सहायता का विस्तार करें।
इस अवसर पर बोलते हुए, माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे ने कहा कि यूडीएए का अध्‍ययन समाज और सरकार के लिए उपयोगी है। इसके आधार पर सरकार और समाज के लोगों को एक कार्यक्रम तय करना होगा, तभी बेहतर परिणाम मिल सकेगा। यह अध्‍ययन मूल रूप से 10 से 19 साल के आयु वर्ग की है, जिसमें हर प्रकार विकास की संभावना होती है। यह उम्र जीवन की दिशा तय करती है। हम जानते हैं कि राज्य में किशोर कई स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करते हैं, इसे हम कई राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के माध्यम से संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य के किशोरों में स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बेहतर समझदारी पैदा करता है और उन कार्यक्रमों को विकसित करने में मदद करता है जो उनके लिए सबसे अच्छा काम करेंगे। इसके लिए जन सरोकार, जन भागीदारी और जन सहयोग की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि किशोरों के लिए केंद्र और राज्‍य की सरकार सतत काम कर रही है।  समाज कल्याण मंत्री कुमारी मंजू वर्मा जी ने कहा कि यूडीएए का अध्ययन इस समय पर महत्वपूर्ण अध्ययन है, जो हमें बिहार के किशोरों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। ऐसे साक्ष्य हमारे कार्यक्रमों को मार्गदर्शन करने में सहायक हैं और हमें हमारे प्रयासों के प्रभाव को मापने के लिए अनुमति देता है।

शोधकर्ता डॉ के.जी. संथा ने अपने अध्ययन के प्रमुख निष्कर्षों को साझा करते हुए कहा कि इस अध्ययन ने शिक्षा, रोजगार, आर्थिक समावेश, एजेंसी, सामुदायिक जीवन,नागरिकता, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों में पर काम किया है। अध्ययन से पता चलता है कि 2007 के मुकाबले 2016 में बहुत अधिक बच्चे स्कूल में हैं। वहीं 2007 के मुकाबले 2016 में वैसे किशोरों की संख्‍या में कमी है, कार्य के लिए भुगतान में पाते हैं। बचत बैंक खाते के साथ किशोरों का अनुपात काफी बढ़ गया है। 2007 में 2-8 प्रतिशत के मुकाबले2016 में 34-52 प्रतिशत से अधिक किशोरों के पास अपना बैंक खाता है। राजनीतिक और नागरिक जीवन में उनकी भागीदारी में सुधार हुआ है, यानी वे अन्य जातियों और धर्मों के लोगों के साथ आज़ादी से बातचीत कर रहे हैं।।
अध्‍ययन में किशोरावस्था में आने वाली चुनौतियों के निष्कर्षों को डॉ संथा ने कहा कि आज के माहौल में किशोरों में हिंसा के प्रसार व्‍यापाक हुआ है। हर पांच किशोर में कम से कम एक ने अपने पिता को अपनी मां को मारते देखा है, और हर दो किशोर में कम से कम एक ने अपने माता-पिता के हाथों से शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है। यह पर्याप्त प्रमाण हैं कि हिंसक परिवारों में पलने वाले बच्चे, जब बड़े हो जाते हैं, तब उनमें हिंसा की प्रवृत्ति बढ़ने की संभावना रहती है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि बिहार में हर 14 विवाहित लड़कियों में से एक किशोर निराश था। साथ ही लड़कों और लड़कियों के बीच असमानताओं को कम करने और किशोरों की कमजोरियों के लिए शुरुआती चेतावनी के संकेतों को मजबूत करने के लिए अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
देश और राज्य को यूडीएए जैसे एक सर्वेक्षण की जरूरत है। बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार अपने विकास की गति तेज करने करने और देश को बेहतर राज्यों के साथ कंधे से कंधे को खड़ा करने के लिए संकल्‍पित हैं। सरकार की कोशिश है कि एक गरीब छात्र अपनी शिक्षा को पूरा करने और स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता से समझौता नहीं करे। इस अध्ययन से मुझे बहुत खुशी है कि हमारे राज्य में किशोर बड़े अनुपात  नामांकन के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं से अवगत हैं।
महिला विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ एन विजयलक्ष्मी ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, "हमें लिंग असंतुलन को कम करने की जरूरत है, और यूडीआईए रिपोर्ट के अनुसार इस पर समान रूप से काबू पाने की जरूरत है।


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