बिहार
पीयू विवि में क्यों नहीं हुआ 10 वर्षों से अधिक समय से जमे प्राचार्यों का स्थानांतरण
By Deshwani | Publish Date: 28/3/2017 5:10:30 PMप्रतीकात्मक फोटोः पटना विश्वविद्यालय
पटना, (हि.स.)। पटना विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न महाविद्यालयों में वर्षों से जमे प्राचार्यों का स्थानांतरण नहीं होने को पटना उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करते हुए अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति सुधीर सिंह की खण्डपीठ ने नागरिक अधिकार मंच की ओर से दायर लोकहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया ।
मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि पटना विश्वविद्यालय अंतर्गत विभिन्न महाविद्यालयों में करीब एक दशक से प्राचार्यों का स्थानांतरण नहीं हुआ है, जो कि विश्वविद्यालय कानून के प्रतिकूल है । अदालत को यह भी बताया गया कि प्राचार्यों का स्थानांतरण स-समय और नियमानुकूल नहीं होने के कारण इसका असर पठन-पाठन पर भी पड़ता है। मामले के सभी पहलुओं पर गौर फरमाने के बाद अदालत ने पटना विश्वविद्यालय प्रशासन को यह बताने का निर्देश दिया कि आखिर किन वजहों से विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ कॉलेजों के प्राचार्यों का तबादला दस वर्षों से अधिक समय से नहीं किया है।