बिहार
पदाधिकारियों की अनदेखी के कारण पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान को पहुंच रही ठेस : प्रियंका जायसवाल
By Deshwani | Publish Date: 8/10/2017 6:59:51 PMपटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क
सूबे की नई भाजपा - जदयू गठबंधन सरकार से पंचायत प्रतिनिधिगण को चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में बापू के ग्राम स्वराज के सपनों को साकार करने के लिए जिला परिषद/पंचायत समिति/ग्राम पंचायत/ग्राम कचहरियों के संचालन में उत्पन्न बाधाओं को दूर करने और जन प्रतिनिधि, अधिकारी/ कर्मचारी के टकराहट को रोकने के लिए शीघ्र पंचायती नियमावली बनना चाहिए। उक्त बातें आज पटना के एक होटल में आयोजित बिहार प्रदेश जिला परिषद अध्यक्ष संघ की बैठक सह संवाददाता सम्मेलन में संयोजक सह जिला परिषद पूर्वी चंपारण अध्यक्ष प्रियंका जायसवाल ने कही।
श्रीमती जायसवाल ने कहा कि संघ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में जिला परिषद/पंचायत समिति को चौदहवीं वित्त आयोग की राशि से वंचित होने के बाद राज्य योजना मद से अलग से राशि दिये जाने और पंचायती राज्य संस्थाओं में रिक्त पदों को भरने के लिए हाई लेवल कमेटी करने समेत अन्य निर्देशों के प्रति आभार प्रकट किया। साथ ही संघ की इस चौथी बैठक में श्रीमती जायसवाल ने कहा कि संघ का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव बिहार सरकार से जल्द ही मिल कर अपनी बात रखेगा।
उन्होंने ये भी कहा कि जिला सरकार कहे जाने वाले जिला परिषद का इससे बुरा हाल क्या होगा, जब प्रदेश निर्वाचन के 18 माह बाद भी 19 अध्यक्षों को आवास, 15 अध्यक्षों को गाड़ी, 28 अध्यक्षों को डीआरडीए में कार्यालय और 30 उपाध्यक्ष को आवास उपलब्ध नहीं हो पाया है। जबकि जिला परिषद को अपने संसाधनों से ये व्यवस्थाएं करनी है, जिसके लिए जिला परिषद सक्षम है। इतना भी उपलब्ध कराने में मुख्य कार्यपालक अधिकारी को कठिनाई हो रही है, इससे कहीं न कहीं पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान को ठेस पहुंच रही है।
बता दें कि संघ की ये चौथी बैठक थी। प्रत्येक बैठक में बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 में 29 विषयों के दायित्वों को सरकार द्वारा सौंपा गया है। लेकिन पदाधिकारियों द्वारा अभी तक इसमें संजीदगी नहीं दिखाई जा रही है। स्थायी समिति, जिला योजना समिति, जिला लोक शिक्षा समिति जैसे जगहों पर अधिकारियों की मनमानी के कारण बैठक के प्रावधान के अनुसार साल – डेढ़ साल में भी बैठक नहीं कर पाते। इससे समिति अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से निर्वाहन नहीं कर पाते। आज तक जिला योजना समिति का गठन और चुनाव न हो पाना इसका ताजा उदाहरण है। बैठक में माननीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार (बेतिया), उमा देवी (सीतामढ़ी), गुड्डी कुमार (कटिहार), पिंकी कुमार (मुंगेर), संगीता देवी (सिवान), संजीव कुमार (बेगूसराय), तनुजा कुमारी (नालंदा), अंजू कुमारी (पटना), नथूनी राम (रोहतास), विश्वंभरनाथ सिंह (कैमूर), नीतू सिंह (औरंगाबाद) पुष्पा देवी (नवादा) आदि उपस्थित थे।