बिहार
एनएनएम की बहाली में अनियमितता की सीबीआई जांच की मांग पर परिषद में हंगामा
By Deshwani | Publish Date: 17/3/2017 5:20:03 PM पटना। बिहार विधान परिषद में भाजपा ने एनएनएम की बहाली में हुयी भारी अनियमितता की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराये जाने की मांग को लेकर सदन में जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी। प्रश्नकाल समाप्त होते ही भाजपा के विनोद नारायण झा ने उनके द्वारा इस मुद्दे पर दी गई कार्यस्थगन की सूचना को तरफ सदन का द्य्हान आकृष्ट करना चाहा। उन्होंने कहा कि आयोग के पूर्व सचिव परमेश्वर राम के मोबाइल फोन से बिहार के कुछ मंत्रियों, विधायकों , पूर्व सांसदों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक बड़े अधिकारियों का नंबर मिला है । मामले को गंभीर बताते हुए उन्होंने इसमें संलिप्त लोगों का नाम उजागर किये जाने के साथ ही पूरे प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। विनोद नारायण झा के समर्थन में भाजपा के सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर जोर-जोर से बोलने लगे। भाजपा सदस्यों का कहना था कि एएनएम की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर हुयी गड़बड़ी से राज्य के नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हो गया है । उनका मानना था इस अनियमितता में संलिप्त मंत्री, विधायक और आईएएस अधिकारी का नाम जनता जानना चाहती है । सभापति अवधेश नारायण सिंह के आग्रह के बावजूद विपक्ष का शोरगुल चलता रहा। शोरगुल के दौरान ही सभापति ने विनोद नारायण झा के कार्यस्थन की सूचना को अमान्य कर दिया।
कार्यस्थगन के अमान्य होते ही बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एएनएम की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है और सीबीआई जांच से ही खुलासा हो सकेगा। सुशील कुमार मोदी के बोलते ही जनता दल यूनाइटेड के नीरज कुमार भी अपने स्थान से खड़े बोलने लगे जिसे शोरगुल के कारण नहीं सुना जा सका। सभापति ने सदन को व्यवस्थित करने की कोशिश की। बाद में सदन को अव्यवस्थित होता देख सभापति ने कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में अपने परिषद कक्ष सुशील कुमार मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि एएनएम की बहाली में गड़बड़ी दस दिन पहले ही साक्ष्य के साथ उजागर किया गया था। उन्होंने कहा कि इस अनियमितता में विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी का भी नाम आया था। उन्होंने कहा कि विधान सभा के अध्यक्ष के निजी सचिव ने मोबाइल फोन से ए एन एम में बहाली के लिए एसएमएस किया था जिसे उजागर किया गया था। सुशील मोदी ने कहा कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव परमेश्वर राम के मोबाइल फोन के डाटा से खुलासा हुआ है कि 100 से अधिक एसएमएस के माध्यम से विधायक , सांसद और आईएएस अधिकारियों ने बहाली के लिए पैरवी की थी।
एसएमएस से जुड़े तथ्यों को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि पुलिस की जांच परमेश्वर और आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार तक पहुँच कर थम गयी है और मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) , राजनीतिज्ञों से पूछताछ करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। उनकी इस मांग पर विचार करने की जगह सरकार ने संघ को ही तीन दिन के अंदर जवाब देने के लिए उन्हे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संघ को नोटिस देकर डराना चाह रही है।