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नीतीश बोले : हर महीने जनवितरण प्रणाली की दुकानों की हो नियमित जांच
By Deshwani | Publish Date: 3/9/2017 3:32:43 PM
नीतीश बोले : हर महीने जनवितरण प्रणाली की दुकानों की हो नियमित जांच

पटना। राज्य की सभी जनवितरण प्रणाली की दुकानों की नियमित जांच की जायेगी. वहां देखा जायेगा कि लोगों को खाद्यान्न, किरासन समेत अन्य सामान सही रूप से उपलब्ध कराये जा रहे हैं या नहीं। 

 
किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर संबंधित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्देश खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षात्मक बैठक में दिया। मुख्यमंत्री ने किरासन तेल बांटने की व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने और किरासन तेल  की ढुलाई करने वाले टैंकरों में जीपीएस लगाने का भी निर्देश दिया है। 
 
साथ ही बाढ़ प्रभावित  क्षेत्रों में भी समय पर खाद्यान्न वितरित करने का निर्देश दिया गया। खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने बताया कि जन वितरण प्रणाली  दुकानदारों को लाइसेंस देने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी  प्राधिकृत हैं। 
 
ऐसे में अनुमंडल पदाधिकारी के स्तर पर जन वितरण  प्रणाली विक्रेताओं की निरीक्षण, पर्यवेक्षण और इसकी समीक्षा हर महीने की जायेगी। सचिव पंकज कुमार ने बताया कि बिहार राज्य खाद्य निगम के प्रशासनिक संरचना के पुनर्गठन की भी समीक्षा की गयी. बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा, सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
 
प्रदेश में अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग को 500 सैप जवान उपलब्ध कराये जायेंगे। सीएम ने डीजीपी को यह निर्देश दिया है। साथ ही बालू, पत्थर, ईंट, स्टोन चिप्स और साधारण मिट्टी की बिक्री के लिए अब बिहार राज्य खनन निगम की स्थापना की जायेगी। यह प्रदेश के हर जिले में भंडार गृह स्थापित कर थोक बिक्रेता के रूप में काम करेगी। इसका मकसद इन सभी खनिज पदार्थों का मूल्य  नियंत्रित करना और  नदी की पर्यावरणीय सुरक्षा व अविरलता को  बनाये रखना है।
 
यह निर्णय सीएम ने शुक्रवार को खान एवं भूतत्व विभाग की समीक्षा बैठक में लिया। इस संबंध में उन्होंने विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।   खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक के अनुसार राज्य के सभी पत्थर एवं बालू बंदोबस्तधारियों को बिहार लघु खनिज समनुदान नियमावली, 1972 के प्रावधानों के अनुसार अनिवार्य रूप से धर्मकांटा लगाना होगा। 
 
अवैध खनन पर प्रभावकारी नियंत्रण के लिए पर्यवेक्षकीय स्तर के सहकारिता विभाग से प्राप्त 25 निरीक्षकों के अलावा अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति के आधार पर 25 और निरीक्षक लिये जायेंगे। पुलिस महानिदेशक को मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया है कि अवैध खनन एवं परिवहन रोकने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग को 500 सैप जवान उपलब्ध कराएं।
 
 कार्य विभागों में ठेकेदारों के विपत्रों से व्यवहृत लघु खनिजों पर स्वामित्व वसूली सरल बनाया जायेगा। साथ ही एकमुश्त निर्धारित दर पर रॉयल्टी सरचार्ज के रूप में कटौती की जायेगी। 
 
बैठक में सीएम के साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, खान एवं भूतत्व मंत्री बिनोद कुमार सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा उपस्थित थे.
 
सचिव पंकज कुमार ने बताया कि बेल्ट्रॉन के जरिये ई-पीओएस के गठन का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की भी समीक्षा की गयी. इसमें कुछ जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में परिवादों की संख्या संतोषप्रद नहीं है, इसलिए उपभोक्ता से संबंधित अधिकारों का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने की कार्रवाई की जाये, ताकि राज्य के सुदूर इलाकों में भी प्रत्येक उपभोक्ता अपने अधिकारों के रक्षा के लिए जिला फोरम में परिवाद दाखिल कर सके। साथ ही पीजीआरओ पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति हो चुकी है, इसलिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्राप्त सुनिश्चित करने की निर्देश भी दिया गया।
राज्य के वैसे स्थान जहां अब तक गोदाम का निर्माण नहीं हो पाया है, उसे  निश्चित समय सीमा में चिह्नित किया जाये और वहां गोदामों का निर्माण कराया  जाये। साथ ही राज्य भंडार निगम की खाली गोदामों को भी लेकर उसे काम में  लाया जाये. दुकानों के निरीक्षण को और प्रभावी बनाया जाये और विभाग स्तर से मुख्यालय के पदाधिकारियों के माध्यम से भी जन वितरण प्रणाली दुकानों का  निरीक्षण करा कर प्रभावी कार्रवाई की जाये।
 
 
 
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