पटना, (हि.स.)। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि लालू ने रैली कर बाढ़ पीड़ितों का मजाक उड़ाया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर कार्यकर्ता तक दिन-रात एक करबाढ़ पीड़ितों की सेवा में लगे हुए हैं। वहीं दू रैली वाले नेता पीड़ितों की सेवा तो दूर, उनका आंसू पोंछने भी नहीं पहुंचे। विपदा की घड़ी में रैली और राहत का यह फर्क महसूस कर रहे बिहार के लोग अपने दर्द का मजाक उड़ाने वालों को सही समय पर जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से पीडित बिहार की आधा जनता बिहार की जनता चूड़ा, चीनी और रूखे-सूखे अन्न खाकर जी रही है। वहीं राजद रैली में लोगों को पूड़ी, बुंदिया सहित लजीज व्यंजनों का स्वाद चखा रहे है। इससे बिहारवासियों ने साफ फर्क महसूस किया कि एक तरफ राहत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद पीड़ितों के बीच जाकर पांच सौ करोड़ की सहायता की घोषणा कर रहे हैं, उनका हाल जान रहे हैं ।
पटेल ने कहा कि देश या प्रदेश में जब विपदा आती है तब सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष का भी यह दायित्व बनता है कि जनता की सेवा में जुट जाएं। केन्द्र और राज्य की सरकारें और सत्ताधारी दल हर स्तर पर पीड़ितों की सेवा की हर संभव कोशिश में लगा हुआ है। खुद प्रधानमंत्री ने पांच सौ करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। बाढ़ में मृत हो चुके लोगों के परिजनों को दो लाख और जो घायल या पीड़ित हैं उन्हें पचास हजार देने की घोषणा की गयी है। भाजपा के विधायक एक माह का और मंत्री तीन माह का वेतनबाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त हर रोज प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी जा रही है।
पटेल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष में बैठे लोग विपदा के समय में भी सिर्फ राजनीतिक महत्वाकांक्षा के बारे में ही सोंचते हैं। शायद उन्हें यह अहसास ही नहीं कि ऐसे समय में आधे राज्य की जिस जनता की जिन्दगी दाव पर लगी है उन्हें नाच गाने और बार बालाओं के ठुमके की नहीं, सहानुभूति और साथ की दरकार है। उन्हें पूरी बुंदिया और लजीज व्यंजनों की नहीं, प्राण बचाने के लिए रूखी सूखी ही सही, राहत पैकेट चाहिए ।