पटना, (हि.स.)। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने दावा किया है कि भाजपा भगाओ देश बचाओ रैली में 20 दलों के प्रतिनिधि शरीक होंगे। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित यह रैली पर सीसीटीवी कैमरों की निगहबानी रहेेगी। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और शरद यादव रैली के खास चेहरे होंगे।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने रैली में आने का लालू का आमंत्रण ठुकरा दिया है। वहीं, सोनिया गांधी और राहुल गांधी खुद न आकर बतौर उनके प्रतिनिधि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और बिहार के प्रभारी कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी रैली में शरीक होंगे। झारखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी और हेमंत सोरेन भी रैली में लालू के साथ दिखेंगे।
1992 में गरीब रैली में रेकार्ड भीड़ जुटाने के बाद अब तक लगभग एक दर्जन रैलियां कर चुके लालू प्रसाद के लिए कल की रैली खास मानी जा रही है । 2003 में भी लालू ने भाजपा भगाओ देश बचाओ नारा के साथ रैली की थी। अब तक गरीब रैला, महौरला, लाठी रैली, परिवर्तन रैली, किसान मजदूर रैली के साथ 2015 में एकजुटता रैली हुई। तब इसेे सोनिया और नीतीश का साथ मिला था।
बिहार में राजद-जदयू-कांग्रेस महागठबंधन की बदौलत भाजपा को सत्ता में आने से रोकने की कामयाबी के आधार पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी दलों को एकमंच पर लाने की मुहिम के तहत आयोजित इस रैली को पहले नीतीश ने भाजपा के साथ होकर और मायावती ने विपक्षी दलों को इस रैली के नाम पर साथ नहीं देने की घोषणा कर झटका दिया है।
रैली में राकांपा के तारिक अनवर, आरएलडी के चौधरी जयंत सिंह, सीपीआर्इ् के सुधाकर रेडडी एवं डी रजा और डीएमके के सांसद टीकेएस एलएनगोवन ने भी आने की सूचना दी है। जदयू अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद यादव और अली अनवर को पहले ही चेता दिया है कि यदि लालू की रैली में वे आए हुए तो वे राज्यसभा की सदस्यता गंवाने के लिए भी तैयार रहें ।
स्वेच्छा से दलत्याग करने के आधार पर शरद-अनवर के खिलाफ उप राष्ट्रपति सह राज्यसभा के सभापति एम.वेंकेया नायडू को सोमवार को ही जदयू की ओर से पत्र जाना तय है। बेनामी सम्पत्ति को लेकर सीबीआई, आयकर और इडी जांच दायरे में घिरा लालू परिवार के सामने राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है। वहीं, लालू , उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा, बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी और दामाद शैलेश आयकर-इडी के शिकंजे में हैं । रैली के बहाने लालू को आगे मंच पर साथ आने वाले दलों एवं नेताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद बंधी है।
गौरतलब है कि प्रशासन ने रैली को लेकर व्यापक तैयारी की है। पांच हजार से अधिक पुलिस के जवानों को जगह-जगह मैजिस्ट्रेट के साथ तैनात करने के साथ शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है।
पिछले दिनों स्थानीय गांधी मैदान में नरेन्द्र मोदी की जनसभा में आतंकी हमले और रावण वध के आयोजन में मची मगदड़ की घटना से सबक लेकर प्रशासन की ओर से लालू की रैली के लिए विशेष सावधानी रखी जा रही है।