पटना, (हि.स.)। बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को राजद सदस्यों के उग्र प्रदर्शन और हंगामा रोकने के लिए उपसभापति हारुण रशीद को पांच सदस्यों को मार्शल की मदद से सदन से बाहर करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान राजद सदस्यों के अभद्र आचरण, असंसदीय और अपशब्दों के वे भी शिकार रहे। सदन की आचार समिति को राजद सदस्यों के आचरण की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही समिति के अध्यक्ष हैं।
परिषद में प्रथम पाली की बैठक राजद सदस्यों के हंगामे के कारण स्थगित होने के बाद द्वितीय पाली की बैठक के दौरान भी हंगामा नहीं थमा। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी के प्रथम अनुपूरक बजट पर वक्तव्य के दौरान राजद के सदस्य सदन के बीच आकर शोर-शराबा कर रहे थे। मोदी के समीप जाकर राजद सदस्य सुबोध कुमार उन्हें अंगुली दिखाते हुए नीतीश-मोदी चोर है, चोर है, इस्तीफा दो, इस्तीफा दो के नारा लगाने पर सदन में उत्तेजना फैल गयी।
सत्ता पक्ष के सदस्य भी उठ खड़े हुए। इसी दौरान उपसभापति ने मार्शल को राजद सदस्यों दिलीप राय, सुबोध कुमार, राधा चरण सेठ मो. कमर आलम और रण विजय कुमार सिंह को सदन से बाहर करने का निर्देश दिया। उपसभापति ने बैठक समाप्त होने के बाद कहा कि पांच दिनों के सत्र में उन्हें पूर्व मुख्ममंत्री राबड़ी देवी सहित राजद के अन्य सदस्यों ने काफी बुरा-भला सुनाया है। वे संयमित होकर सदन की कार्यवाही चलाने में विपक्ष से सहयोग देने का अनुरोध करते रहे। सर्वदलीय नेताओं की बैठक में राबड़ी देवी ने स्पष्ट कह दिया कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के इस्तीफा होने तक सदन नहीं चलने दिया जायेगा।
सदन में भी वह अपने सदस्यों को हमेशा हंगामा के लिए उकसाती रहीं। पोस्टर लहराने सहित उनके आसन के समीप आकर हंगामा और अपशब्दों का इस्तेमाल होता रहा। इसके कारण सत्र के दौरान प्रनोेत्तर काल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी। सरकारी कार्य यथा विधेयक और बजट स्वीकृत कराने की कार्यवाही भी हंगामे के बीच पूरी हुई। परिषद में राजद के 7 सदस्य होने के कारण सदन की उपसभापति ने राबड़ी देवी को विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता देने की पार्टी की मांग खारिज कर दी। इसके कारण राजद सदस्य उपसभापति से खीजे थे। सत्र के दौरान सृजन घोटाला और बाढ़ राहत विपक्ष के लिए विरोध का मुददा बना रहा।