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बिहार
अब नवीन उपकरणों के इस्‍तेमाल से हो सकेगा आपदाओं से बचाव, सिखाए गए गुर
By Deshwani | Publish Date: 24/8/2017 6:15:49 PM
अब नवीन उपकरणों के इस्‍तेमाल से हो सकेगा आपदाओं से बचाव, सिखाए गए गुर

पटना। देशवाणी न्यूज नेटवर्क


 बाढ़ व अन्‍य आपदाओं से बचाव के लिए उपयोग में लाये जाने वाले अत्‍याधुनिक उपकरण का डेमो वेदांत इनोटेक संजीवनी डिजास्‍टर के सहयोग से गुरुवार को पटना स्थित होटल मौर्या में दिया गया।  इस दौरान वेदांत इनोटेक संजीवनी डिजास्‍टर के डायरेक्‍टर व टेबुल टेनिस के इंटरनेशनल कोच सह केंद्रीय फिल्‍म प्रमाणन बोर्ड के मेंबर सतीश कल्‍याणकर ने बताया  कि आपदा कभी किसी को बता कर नहीं आती है, इसलिए उससे बचाव में ही समझदारी है। बिहार के कई जिले इन दिनों बाढ़ से प्रभावित हैं। जिन उपकरणों का डेमो दिया गया, वे आपदा से निपटने में कारगर साबित होंगे।
उन्‍होंने बताया कि बाढ़ के अलावा भी किसी तरह की आपदा से निपटने के लिए वेदांत इनोटेक संजीवनी डिजास्‍टर की ओर से तीन चीजों का निर्माण किया गया है।  पहला मल्‍टी स्‍ट्रेचर, जिसे फ्लोटिंग स्‍ट्रेचर भी कहते हैं। य‍ह बाढ़ जैसी स्थिति में लोगों को डूबने से बचाने के लिए बेहद कारगर है। इसका निर्माण इस तरह से किया गया है कि यह पानी में डूबे नहीं, ताकि इसकी मदद से लोगों की जान बचाई जा स‍के। दूसरा है डिजास्‍टर बॉडी कवर बैग, जो आपदा के दौरान मृत व्‍यक्ति की लाश को कवर करता है और उसे सेफली कहीं भी ले जा सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस बैग को ले जाने वाले व्‍यक्ति को इंफेक्‍शन का कोई खतरा नहीं होता है, क्‍योंकि ये चैन कवर्ड होता है। और यह बाडी से निकलने वाले किसी भी लिक्विड पदार्थ को सोख लेता है। इसलिए इसे हेल्पिंग बैग भी कहते हैं। तीसरा जो सबसे अहम है, वो है रेस्‍कयू किट। इसमें कार्बन मास्‍क से लेकर हैंड लॉज, स्‍प्रे, ग्‍लूकोज, सांप काटने के बाद और बर्निंग कंडीशन में त्‍वरित उपचार टूल मौजूद हैं।

वहीं, वेदांत इनोटेक संजीवनी डिजास्‍टर से जुड़े रेलवे बोर्ड सलाहकार समिति के मेंबर अमित पांडेय ने  बताया कि तकनीकी रूप से उन्‍नत इन उपकरणों के निर्माण काफी गुणवत्तापूर्ण तरीके से होता है, इसलिए यह अब तक देश भर में सबसे गुणवत्तापूर्ण उपकरण है। यही वजह है कि एनडीआरएफ ने भी आपदा से बचाव के लिए वेदांत इनोटेक संजीवनी डिजास्‍टर के उपकरणों को चुना और बखूबी इस्‍तेमाल भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, रेलवे ने भी इन उपकरणों पर भरोसा दिखाया। इन उपकरणों के निर्माण के लिए देश में वेदांत इनोटेक संजीवनी डिजास्‍टर प्रा. लि. कानूनी तौर पेटेंट है, जिसका कोई डुप्‍लीकेट नहीं बना सकता है। पुणे के शोध कर्ता राजेश लड़कत ने इन उपकरणों की खोज की और 2016 में वेदांत इनोटेक संजीवनी डिजास्‍टर के सहयोग से मेक इन इंडिया और स्‍टार्ट अप इंडिया के इसका प्‍लांट महाराष्‍ट्र के औरंगाबाद जिले लगाया गया। अब तक आपदा के समय इस उपकरण का उपयोग अमर उजाला फाउंडेशन, नेपाल, चेन्‍नई में किया गया। वहीं एनआईडी अहमदाबाद की ओर से भी इन उपकरणों की डिमांड की गई है।
उन्‍होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि इन उपकरणों को जल्‍द से जल्‍द देश भर में पहुंचाया जाए, ताकि आपदा से लोगों की सुरक्षा हो सके। आपदा से बचाव के नवीन तकनीक के इन उपकरणों को प्रीकॉशन के तौर पर रेल, बस, सामुदायिक भवन, गांव, पंचायत, घर आदि जगहों पर इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

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