पटना, (हि.स.)। राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर राज्य के बाढ़ पीड़ितों की मदद की अपेक्षा अपनी संवेदनहीनता का परिचय देते हुए अपनी पार्टी की 27 अगस्त को होने वाली पार्टी की रैली की तैयारियों में व्यस्त होेनेे कोे लेेकर आड़े हाथों लिया है।
विधानसभा परिसर स्थित अपने कक्ष में बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मोेदी ने कहा कि कोशी त्रासदी से कहीं अधिक भीषण त्रासदी इस बार राज्य के लोग झेल रहे हैं। राज्य के 19 जिलों में बाढ़ से भीषण तबाही हुई है, वहीं राज्य के पूर्व उप -मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत पूरा लालू परिवार रैली की तैयारियों में व्यस्त हैं।
अपनी छवि बचाने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के अन्य वरिष्ठ नेताओं को इस रैली से दूर रहने की सलाह देते हुए भाजपा नेता ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को देखने नहीं जाकर, राहुल गांधी इस रैली में अगर अपना भाषण पढ़ने आते हैं तो इससे उनकी छवि निश्चित रूप से धूमिल होगी।
राज्य के उप- मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद की भाजपा भगाओ-देश बचाओ रैली लालू परिवार की बेनामी सम्पत्ति को बचाने के लिए आयोजित की गई है और इस रैली से अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं को दूर रहना चाहिए।
लालू प्रसाद यादव को उनकी रैली रद्द करने की सलाह देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि रैली में 25 लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लालू यादव दावा पूरा नहीं हो पायेगा और ऐसी स्थिति में वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों के नहीं आने का बहाना बनायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर से बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी 26 अगस्त को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
भाजपा कोटे से राज्य सरकार के सभी मंत्रियों द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए तीन माह का वेतन और विधायकों द्वारा एक माह का वेतन राहत कोष में देने की घोषणा करते हुए सुशील मोदी ने राजद और कांग्रेस के विधायकों से भी बाढ़ पीड़ितों की मदद कोे आगे आने की अपील की।
वहीं, पत्रकार हत्याकांड में राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से आरोप पत्र दाखिल होने के बावजूद राजद की ओर से उन्हें ना तो दल से निष्कासित किये जाने और ना ही निलंबित किए जाने की आलोचना करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि नई नई राजनीति शुरू करने वाले तेजस्वी यादव को तो कम से कम अपनी छवि का ध्यान रखते हुए मोहम्मद शहाबुद्दीन को पार्टी से निष्कासित कराने के लिए अपने पिता लालू प्रसाद यादव पर दबाव बनाना चाहिए।