पटना, (हि.स.)। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सृजन घोटाले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार इस घोटाले की जांच को बाधित करने के साथ साथ लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
लालू यादव ने सृजन घोटाले से जुड़े कुछ सवाल उठाते हुए संवाददाता सम्मेलन में बुधवार को कहा कि 2013 में आर्थिक अपराध शाखा के संज्ञान में आने के बाद हुई जांच की रिपोर्ट को नीतीश कुमार को सार्वजनिक करना चाहिए। दोषियों पर कार्यवाई करने के बजाए उन्हें प्रोत्साहित करने का नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए लालू यादव ने कहा कि सृजन घोटाले की जांच का आदेश देने वाले जिलाधिकारी का आनन-फानन में तबादला कर दिया गया।
जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट का खुलासा करने की मांग करते हुए राजद नेता ने कहा कि सी.ए.जी ने अपनी 2008 की रिपोर्ट में सृजन द्वारा की जा रही वितीय अनियमतिता को उजागर किया था फिर भी नीतीश कुमार ने इस मामले को दबा दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार खुद को बचाने के लिए सृजन घोटाले के साक्ष्यों को समाप्त करवा रहे हैं और इसकी एस.आई.टी जांच का जिम्मा स्वजातीय अफसर को सौंप दिया गया है ताकि सारे साक्ष्य नष्ट कर दिए जाएं।
लालू यादव ने कहा कि बाढ़ त्रासदी में बिहार सरकार का अमानवीय और असंवेदनशील रवैया रहा। एक ओर लोगों की मौत हो रही थी और मुख्यमंत्री बाढ़ बचाव की तैयारी करने की बजाए कुर्सी का जोड़-तोड़ और छवि को सुधारने में लगे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ष बाढ़ और कटाव के नाम पर तटबंध निर्माण में हजारों करोड़ खर्च करती है लेकिन उसकी उपयोगिता जमीन पर नहीं दिखती।
लालू यादव ने कहा कि बाढ़ के नाम पर भी घोटाला हुआ है और सरकार बाढ़ से मरने वालों के सही आंकड़े जारी नहीं कर रही। राजद नेता ने कहा कि पुलिस की निगरानी में लाशों को नदी में फेंका जा रहा है जिससे यह साफ पता चलता है कि पीड़ित लोगों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया है।