पटना, (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उत्तर बिहार में जारी बाढ़ में 153 लोगों की मौत पर मौन श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि पूरा उत्तर बिहार बाढ़ की गंभीर स्थिति झेल रहा है। जनता दल (यू )की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां कहा कि उन्होंने हर वर्ष वार बाढ़ की विभीषिका को देखा है किंतु इस वर्ष आई बाढ़ की भयावहता पहले से कहीं ज्यादा है क्योंकि पानी का बहाव और करंट पहले से काफी अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाढ़ राहत सहायता कार्य चलाने के लिए त्वरित संसाधन उपलब्ध कराने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि अररिया ,किशनगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा ,मुजफ्फरपुर, सुपौल ,मधेपुरा ,सहरसा, सारण, खगड़िया जैसे 17 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि हवाई सर्वेक्षण में इन क्षेत्रों का जो दृश्य उन्हें दिखा वैसा उन्हें पहले कभी नहीं देखा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से इस बार अप्रत्याशित नुकसान हुआ है और फ़्लैश फ्लड में जिस तरह की स्थिति होती है वैसे ही स्थिति इस बार बिहार में उत्पन्न हो गई है। नीतीश कुमार ने कहा कि वह परिस्थितियों की खुद ही निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण 17 जिलेे के 156 प्रखंड के 1786 पंचायतों की दस लाख से ऊपर की आबादी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ की 28, एसडीआरएफ की 16 टीम के अलावा सेना के 7 कॉलम के जवान राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। एनडीआरएफ की 118 नावें, एसडीआरएफ की 146सेना की 70 नावों के अलावा सरकार की 1700 तथा 1000 निजी नावे राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि 464668 लोगों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है इसके अलावा 300000 से अधिक लोग 1289 राहत शिविरों में रह रहे हैं और प्रभावित लोगों को 1765 सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन पहुंचाया जा रहा है।
इस चुनौती का मिल कर सामना करने की लोगों से अपील करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों को हरसंभव मदद दी जाएगी। फसल की क्षतिपूर्ति के अलावा क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मती के लिए भी सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से भी मदद ली जाएगी।