पटना
भूमि का दस्तावेज अद्यतन नहीं होने पर हाईकोर्ट गंभीर, सरकार से मांगा जवाब
By Deshwani | Publish Date: 5/8/2017 11:26:21 AMपटना, (हि.स.) | भूमि का दस्तावेज अद्यतन नहीं होने के कारण हो रही दिक्कतों पर पटना हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर मामले में कई जा रही कार्रवाइयों के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन एवं जस्टिस डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ ने अधिवक्ता शंभूशरण सिंह द्वारा दायर लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया ।
याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को बताया गया कि सूबे में आजादी के पूर्व वर्ष 1835 ई. को कैरेक्टर सर्वे हुआ था। इसके बाद रिवीजन सर्वे कराया गया, जो 1935 में समाप्त हो गया। रिवीजन सर्वे में जिन लोगों का नाम चढाया गया था उनके वंशज खलिहान के आधार पर भूमि पर दावा करते हुए जमीन बेच रहे हैं जबकि उक्त जमीन को उनके पूर्वजों द्वारा अपने जीवनकाल में ही बेचा जा चुका है।
चूंकि सरकार द्वारा खलिहान को अद्यतन नहीं कराये जाने के कारण जमीन खरीद- बिक्री के बाद पुराने जमीन मालिक का नाम विलुप्त और नए जमीन मालिकों का नाम दाखिल नहीं होने के कारण वाद- विवाद सहित कई प्रकार के आपराधिक मामले हो रहे हैं।
वहीं, राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया की सूबे की भूमि से संबंधित मामले को लेकर वित्त मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक कर इस संबंध में विचार किया गया है तथा इस पर जल्द ही ठोस निर्णय लिया जाएगा