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बिहार
मुख्यमंत्री नीतीश पलटू राम हैं, सत्ता के लालची व भरोसे के लायक भी नहीं : लालू यादव
By Deshwani | Publish Date: 1/8/2017 7:19:12 PM
मुख्यमंत्री नीतीश पलटू राम हैं, सत्ता के लालची व भरोसे के लायक भी नहीं : लालू यादव

पटना,  (हि.स.)। बिहार में महागठबंधन टूटने और जदयू-राजग की साझा सरकार बनने क बाद मंगलवार को यहां पहली बार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाला। नीतीश पर पलटवार किया और कहा-नीतीश सत्ता के लालची हैं, पलटू राम हैं । उनको झूठ बोलने में शर्म भी नहीं आती। भरोसे के लायक नहीं हैं। पिछड़े-अति पिछड़ों की उम्मीदों का गला घोट दिया। तेजस्वी तो बहाना था । उसे भाजपा के साथ जाना तय था। हमने शराबबंदी का समर्थन किया। हम शुरू से कह रहे थे, हमें मदिरालय नहीं विद्यालय चाहिए। आज शराब की होम डिलेवरी हो रही है। 

लालू यादव प्रेस कांफ्रेंस में पूरे रौद्र रूप में दिखे। नीतीश पर तंज कसा। नाराजगी दिखायी। आलोचना की। कहा, हम तो नीतीश को छोटा भाई मान हमेशा साथ देते रहे हैं । बचपन से जानते हैं। 1970-71 में वे छात्र संघ का सचिव बने। उस वक्‍त नीतीश कुमार का कहीं अता-पता नहीं था। मैं उनसे सीनियर हूं। नीतीश दो बार अपने गृह क्षेत्र हरनौत से विधानसभा का चुनाव हार गये। लोकसभा का भी चुनाव हार गये। आज अपने को कद्दावर नेता बता रहे हैं। उनके राजनीतिक चरित्र से हर कोई वाकिफ है।
 
लालू ने कहा कि नीतीश भाजपा—आरएसएस की गोद में बैठ में गये हैं। अब वे भगवा पहन कर जयश्री राम जयश्री राम करते रहें। मैं नहीं चाहता था कि इसको आगे किया जाये, लेकिन मुलायम सिंह के कहने के बाद नीतीश को आगे किया गया था । मैंने मुलायम सिंह से ही इस बात की घोषणा करने को कहा। उस समय मैंने कहा कि था कि देश से दंगाई और फासिस्‍ट को दूर रखने के लिए यदि जहर भी पीना पड़ेगा तो पीयेगे। हमने नीतीश को जहर नहीं कहा था। 
 
उन्होंने कहा कि मैं जातिवादी नहीं हूं। नीतीश जातिवादी हैं । कुर्मी सम्मेलन किया। हमने कभी न यादव सम्मेलन किया और न भाग लिया। नीतीश ने अपनी जाति के अधिकारियों को बाहर से लाकर बिहार में विभिन्न पदों पर बैठाया है। नीतीश के करीबी ललन सर्राफ और आरसीपी सिंह का नाम लेकर उन्हें निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव के समय ज्ञानू सिंह की अगुआई में कई विधायकों के बगावत के कारण जदयू की हवा निकल जाती । हमने नीतीश का साथ दिया। जीतन राम मांझी के बगावत पर भी हमने नीतीश का साथ दिया। पर वे विश्वासघाती निकले। उन्होंने ही मेरे खिलाफ मुकदमा करवाया था। 
 
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